देवो के देव महादेव को गुरु बनाने की विधि


देवो के देव महादेव भगवान शिव को गुरु बनाने की विधि शिव गुरु को साक्षी मानकर किये गये कोई भी कार्य मे कभी रुकावटें नही आतीं। भगवान शिव गुरुओं के



श्री कालिका सहस्त्रनाम व काली सहस्त्रनाम


शाक्ततंत्र सर्वसिद्धिप्रद है जिसमे करकादी स्तोत्र और कालिका सहस्त्रनाम का उल्लेख तीक्ष्ण प्रभावशाली बताया गया है। कालिका सहस्रनाम अर्थात काली सहस्त्रनाम का पाठ करने की अनेक गुप्त विधियाँ हैं, जो



आद्यशक्ति मां काली की 64 योगिनियां


प्राचीन तंत्र शास्त्र में 64 योगिनियां बताई गई हैं। कहा जाता है कि ये सभी आद्यशक्ति मां काली की ही अलग-अलग कला है। इनमें दस महाविद्याएं तथा सिद्ध विद्याएं भी



सोलह सिद्धियों की संक्षिप्त जानकारी


1. वाक् सिद्धि- जो भी वचन बोले जाए वे व्यवहार में पूर्ण हो, वह वचन कभी व्यर्थ न जाये, प्रत्येक शब्द का महत्वपूर्ण अर्थ हो, वाक् सिद्धि युक्त व्यक्ति में



मंत्र सिद्धि के लिए हवन के नियम और विधि


मंत्र सिद्ध करने के बाद हवन अत्यंत ही महत्वपूर्ण क्रिया मानी जाती है। हवन का अर्थ होता है कि, अग्नि के द्वारा किसी भी पदार्थ की आहुति प्रदान करना अथवा



साधना करते समय साधक के अनुभव


साधना करने के दौरान प्रत्येक साधक को होने वाले अनुभव शारीरिक दर्द, विशेष रूप से गर्दन, कंधे और पीठ में। यह आपके आध्यात्मिक डीएनए स्तर पर गहन परिवर्तन का परिणाम

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