बगलामुखी माता की साधना युद्ध में विजय होने और शत्रुओं के नाश के लिए की जाती है। बगला मुखी के देश में तीन ही स्थान है। कृष्ण और अर्जुन ने महाभारत के युद्ध के पूर्व माता बगलामुखी की पूजा अर्चना की थी। इनकी साधना शत्रु भय से मुक्ति और वाक् सिद्धि के लिए की जाती है।
देवी बगलामुखी शत्रु को खत्म करने वाली देवी हैं। ये अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनकी बुरी शक्तियों का नाश करती हैं।
जिसकी साधना सप्तऋषियों ने वैदिक काल में समय समय पर की है। इसकी साधना से जहां घोर शत्रु अपने ही विनाश बुद्धि से पराजित हो जाते हैं वहां साधक का जीवन निष्कंटक तथा लोकप्रिय बन जाता है।
बगलामुखी का मंत्र हल्दी या पीले कांच की माला से आठ माला ‘ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नमः ‘ मंत्र का जाप करें।
[ RAVIKANT UPADHYAY ] [ PROFILE ] [ DISCLAIMER ] GANJBASODA | VIDISHA | MP | INDIA |
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