ब्रह्मास्त्र महाविद्या श्रीबगला स्तोत्र


प्राचीन ऋषि-मुनियों ने देवी भद्रकाली, दक्षिणकाली या महाकाली की घनघोर तपस्या कर जातकों में विभिन्न समस्याओं से मुक्ति दिलाकर कीर्ति की पताका लहराई थी। देवी की साधना, आराधना व जप



अपराजिता देवी दुर्गा स्तोत्र, शत्रु मारण


अपराजिता श्री दुर्गादेवीका मारक रूप है । अपराजिता देवी का पूजन पूजास्थलपर अष्टदलकी आकृति बनाते हैं । इस अष्टदलका मध्यबिंदु `भूगर्भबिंदु’ अर्थात देवीके `अपराजिता’ रूपकी उत्पत्तिबिंदु का प्रतीक है, तथा

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