श्री कलिकाष्टकम्


श्री कलिकाष्टकम् ध्यान गलद्रक्त मुंडावली कंठमाला , महाघोररावा सुन्दष्ट्रा कराला | विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी , महाकालकामाकुला कालिकेयम् || भुजे वामयुग्मे शिरोसि दधाना, वरं दक्षयुग्मेभयं वै तथैव | सुमध्यापि तुन्ग्स्तना भारनम्रा,

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