धूमावती धूमावती का कोई स्वामी नहीं है। इसलिए यह विधवा माता मानी गई है। इनकी साधना से जीवन में निडरता और निश्चंतता आती है। इनकी साधना या प्रार्थना से आत्मबल
धूमावती धूमावती का कोई स्वामी नहीं है। इसलिए यह विधवा माता मानी गई है। इनकी साधना से जीवन में निडरता और निश्चंतता आती है। इनकी साधना या प्रार्थना से आत्मबल
छिन्नमस्ता मां छिन्नमस्तिका की उपासना से भौतिक वैभव की प्राप्ति, वाद विवाद में विजय, शत्रुओं पर जय, सम्मोहन शक्ति के साथ-साथ अलौकिक सम्पदाएं मिलती हैं। इस पविवर्तन शील जगत का
भुवनेश्वरी को आदिशक्ति और मूल प्रकृति भी कहा गया है। माता भुवनेश्वरी ऐश्वर्य की स्वामिनी हैं। देवी देवताओं की आराधना में इन्हें विशेष शक्ति दायक माना जाता हैं। ये समस्त
त्रिपुर भैरवी त्रिपुर भैरवी की उपासना से सभी बंधन दूर हो जाते हैं। यह बंदीछोड़ माता है। भैरवी के नाना प्रकार के भेद बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं
तारा महाविद्या मे दूसरे स्थान पर हैं। यह तांत्रिकों की प्रमुख हैं । तारने वाली कहने के कारण माता को तारा भी कहा जाता है। सबसे पहले महर्षि वशिष्ठ ने
काली दस महाविद्या में प्रथम रूप है। माना जाता है माँ ने ये काली रूप दैत्यों के संहार के लिए लिया था। जीवन की हर परेशानी व दुःख दूर करने
घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। इसे घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। दूर-दूर से लोग यहां
रामेश्वरम हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ है। यह तमिल नाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह तीर्थ हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। इसके अलावा यहां स्थापित
नागेश्वर मन्दिर एक प्रसिद्द मन्दिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह द्वारका, गुजरात के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यह शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक
वैद्यनाथ मन्दिर देवघर द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक ज्योतिर्लिंग का पुराणकालीन मन्दिर है जो भारतवर्ष के राज्य झारखंड में अतिप्रसिद्ध देवघर नामक स्थान पर अवस्थित है। पवित्र तीर्थ होने के कारण