राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने रायसेन जिले के सतधारा स्थित बौद्ध स्तूप और फॉरेस्ट ईको पार्क का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान उन्होंने स्तूपों के निर्माण काल, उनके निर्माण में प्रयुक्त सामग्री तथा पुरातात्विक महत्व के संबंध में जानकारी ली। भ्रमण के दौरान राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सतधारा प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। यहाँ कण–कण में प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा हुआ है। उन्होंने कहा कि यहाँ आकर मन को आत्मीय शांति का अनुभव होता है। राज्यपाल श्री पटेल ने भ्रमण के दौरान बौद्ध स्तूप और फॉरेस्ट ईको पार्क में कार्यरत कर्मचारियों तथा ग्रामीणों से संवाद भी किया। उन्होंने बच्चों विशेष रूप से बालिकाओं की पढ़ाई के संबंध में जानकारी लेते हुए कहा कि शिक्षा के बिना कुछ नहीं है। बच्चे देश का भविष्य हैं। बच्चे अगर पढ़ेंगे नहीं तो आगे कैसे बढ़ेंगे। उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा शिक्षा के लिए अनेक योजनाएँ चलाई जा रही है। बेटियों को भी जरूर पढ़ाएँ ताकि आगे जाकर वह आत्म-निर्भर बन सकें। बेटियाँ हर क्षेत्र में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। सुरेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा बौद्ध स्तूपों और स्थल के संबंध में अवगत कराया गया।
राज्यपाल श्री पटेल ने हलाली डेम का किया भ्रमण
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने रविवार को हलाली डेम का भ्रमण किया। उन्होंने डेम की क्षमता, सिंचित होने वाले रकबे तथा डेम में किए जा रहे मत्स्य पालन के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर अरविन्द कुमार दुबे ने बताया कि लगभग 50 वर्ष पूर्व बने इस हलाली डेम से लगभग 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है। साथ ही रायसेन और विदिशा को पेयजल की आपूर्ति की जाती है। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने दीवानगंज स्थित ज्ञानोदय तीर्थधाम पहुँचकर पूजा–अर्चना की।