गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ भोपाल मध्यप्रदेश रविकांत उपाध्याय / 8085883358
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने राजधानी के जहांनुमा पैलेस में अटल बिहारी बाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा एवं हर्निया सोसायटी ऑफ इंडिया के दो दिवसीय विश्व स्तरीय हर्निया सम्मेलन का शुभारंभ किया। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग का मूल कार्य चिकित्सकों का निर्माण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करना है। इसमें शोध एवं विकास की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों के माध्यम से ही शोध एवं विकास कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है।
हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम लाने वाला पहला राज्य बनेगा म.प्र
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के लिये गौरव का विषय है कि इस माह में ही हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम प्रारंभ करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि डब्लूएचओ की रिसर्च के अनुसार विश्व में सबसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं वाले विकसित देशों में उनकी मातृभाषा में ही चिकित्सा शिक्षा के छात्रों को पढ़ाया जाता है जिसके उत्कृष्ट परिणाम भी देखने में आये हैं।
म.प्र मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन की शुरूआत करने वाला पहला राज्य
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा “मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन” की भी शुरूआत की गई है। मिशन के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सकीय उपचार की नवीनतम तकनीक, नवाचारों एवं शोध के विभिन्न आयामों को मध्यप्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों तक पहुँचाया जा रहा है।
मेडिकल इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना करने वाला पहला राज्य म.प्र
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहाँ मेडिकल इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई है। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में इनक्यूबेशन सेंटर को विकसित किया जा रहा है, जिससे प्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों को नए चिकित्सा उपकरणों पर शोध एवं उन्हें विकसित करने का अवसर मिलेगा।
मेडिकल रोबोटिक्स एवं थ्रीडी प्रिंटिंग के उपयोग से मिलेंगे बेहतर रिजल्ट
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में मेडिकल रोबोटिक्स का उपयोग को बढ़ावा देने उद्देश्य से देश के विभिन्न शासकीय एवं निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों के साथ एमओयू कर ऑर्थोपेडिक, यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी के विभिन्न सर्जिकल प्रोसिजर में मेडिकल रोबोट के उपयोग के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। मध्यप्रदेश में थ्रीडी प्रिंटिंग के उपयोग से प्रोस्थेसिस के विकास, दाँत, हड्डियों एवं विभिन्न अंगों की विशिष्ट बीमारियों के परिप्रेक्ष्य में प्रतिकृतियों के निर्माण कर शल्य क्रिया में उपयोग किया जायेगा, जिससे बेहतर रिजल्ट प्राप्त होंगे।
लाइव रोबोटिक सर्जरी का हुआ प्रसारण
दो दिवसीय सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से 500 से अधिक डॉक्टर एवं चिकित्सा छात्र शामिल हुए। सम्मेलन में अहमदाबाद में रोबोट के जरिए की जाने वाली सर्जरी का लाइव प्रसारण भी दिखाया गया।
सम्मेलन में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. जितेन शुक्ला, शा. चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा के डीन डॉ. सुनील नंदेश्वर, सम्मेलन समिति अध्यक्ष डॉ. डी. परमहंस, सचिव डॉ. इशांत चौरसिया, हर्निया सोसायटी ऑफ इंडिया के सदस्य उपस्थित रहे।