राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया है कि एक नवंबर से 15 नवंबर तक राजस्व विभाग द्वारा शुद्धिकरण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इन 15 दिनों में प्रदेश में खसरा, खतौनी एवं नक्शे आदि संबंधी राजस्व प्रपत्रों में गलती हो तो उसे आवेदक साक्ष्यों के आधार पर सुधरवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रपत्रों में समय-समय पर शुद्धिकरण आवश्यक है।
मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा राजस्व अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। कम्प्यूटरीकरण से राजस्व अभिलेखों में जाने-अनजाने होने वाली त्रुटियां सामने आई हैं जिनका शुद्धिकरण किया जाना आवश्यक है। अब रिकॉर्ड को ऑन लाइन देखने एवं उसके प्रिंट लेने की सुविधा आम नागरिक को उपलब्ध है। कम्प्युटरीकरण से किसान प्रधानमंत्री किसान योजना,फसल बीमा योजना का लाभ आसानी से प्राप्त कर रहा है। साथ ही डिजिटली हस्ताक्षरित प्रतिलिपि भी निर्धारित शुल्क पर नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही है।
फौती नामांतरण
मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि फौती नामांतरण में भू-अभिलेख रिकार्ड में बहुत से भूमि स्वामी ऐसे दर्ज हैं जिनकी मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है परंतु भूमि अभी भी उनके नाम पर दर्ज है। अब इनमें सुधार करवाया जा सकेगा।
भूमि स्वामी नाम सुधार
राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि रिकार्ड में भूमि-स्वामी के रूप में प्रचलित नाम दर्ज है। परंतु शासकीय योजनाओं का लाभ देते समय उसका सत्यापन आधार कार्ड में दर्ज नाम से किया जाता है तो समस्या आती है। शुद्धिकरण पखवाड़े में प्रपत्रों में आधार कार्ड के आधार पर नाम दर्ज कराया जा सकेगा।
खसरा, रकबा एवं नक्शे की त्रुटियों में सुधार
मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि ग्राम का खसरा,खतौनी एवं नक्शा तीनों अभिलेखों का मिलान भू-लेख पोर्टल पर दर्ज विवरण के अनुरूप होना चाहिए। इसमें भिन्नता पर संबंधित अभिलेख में सुधार करवाया जा सकेगा।
डाटा परिमार्जन
डाटा परिमार्जन में साफ्टवेयर में उपलब्ध ऐसी त्रुटियों, जैसे भूमि-स्वामी के प्रथम माध्यम एवं अंतिम नाम में एक से अधिक भूमि-स्वामी का नाम होने, को पृथक-पृथक उल्लेखित किया जायेगा। रकबा वर्ग मीटर एवं हेक्टेयर के स्थान पर वर्गफीट, एकड़ आदि में उल्लेखित ऐसी त्रुटियों का सुधार किया जाएगा। साथ ही व्यपवर्तन डाटा एन्ट्री एवं अल्फा न्यूमेरिक खसरा आदि के प्रकरणों में भी इस पखवाड़े में सुधार करवाया जा सकेगा।