गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल/
विदिशा जिले के गंजबासौदा लालपठार पर पिछले 24 घण्टे से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन लापता 11 लोगों के शव निकाले जाने के साथ ही खत्म कर दिया गया है। जिस बालक रवि को बचाने के दौरान यह दुर्घटना घटी उस बालक का शव सबसे बादमें कुँए से निकला। जैसे जैसे बचाव कार्य के दौरान लापता लोगों के शव एक एक कर निकल रहे थे मौके पर मौजूद उनके परिजनों व लोगों के आँसू रुकने का नाम नही ले रहे थे। अत्यंत शोक के माहौल में मृतको का अंतिम संस्कार किया गया। एक परिवार के पिता-पुत्र सहित 10 घरों के चिराग कुँए ने हमेशा के लिए बुझा दिए।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो दर्जन से अधिक लोगों को निकालकर उनकी जान बचाई गई। गंभीर घायलो को रेफर किया गया जबकि अन्य घायलों का स्थानीय अस्पताल में उपचार चल रहा है। रेस्क्यू के दौरान बचाव दल व अमले के लोग भी घायल हो गए थे जिनका उपचार जारी है।
प्रधानमंत्री ने भी इस घटना पर शोक जताते हुुुए मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख की राहत राशी देंने की घोषणा की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने भी मृतको के परिजनों को 5-5 लाख व घायलों को 50 हजार की राशी देंने की घोषणा करते हुुुए शोक संवेदनााएं व्यक्त की है।
राहत राशि के दिये चेक
जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग जी, भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश जी जादौन, क्षेत्रीय विधायक श्रीमति लीना जैन की मौजूदगी में पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन सम्पन हुआ। शुक्रवार को परिवहन मंत्री गोविंदसिंह, कुरबाई विधायक हरिसिंह सप्रे, भाजपा नेता मनोज कटारे, सहित अन्य नेताओं ने भी घटनास्थल पहुंचकर राहत कार्यो का जायजा लिया। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद प्रभारी मंत्री ने मृतकों के परिवारों को राहत राशि के चेक वितरित किये और उन्हें शोक संवेदनाएं प्रदान की। अस्पताल पहुंचकर भर्ती घायलों का हालचाल जाना।
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इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बाद भी स्थानीय सांसद रमाकांत भार्गवजी की अनुपस्थिति को लेकर भी लोगों में नाराजगी देखी गई उनका कहना था कि सांसद जी को शोक संवेदनाएं तो प्रदान करना था। जबकि नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने विदिशा में होते हुए घटनास्थल पर न जाने को लेकर मुख्यमंत्री पर सवाल उठाया है। उन्होंने इस घटना की जांच के लिए एक समिति भी गठित की है।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में भोपाल कमिश्नर, एडीजीपी, आईजी, कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, एसडीओपी, आपदा प्रवंधन अधिकारी , राहत कर्मी, पुलिस जवान,राजस्व व नगरपालिका के कर्मी मौजूद रहे। खुद घायल होने के बाद भी कई बचाव कार्य करते नजर आए। ज्ञात हो कि एक बालक के कुँए मव गिरने के बाद उसे बचाते समय कुँए की मुँडेर गिरने से करीब 3 दर्जन लोग कुँए में गिर कर मलबे में दब गए थे जिन्हें बचाने यह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था।