Maharashtra श्रीमद्भागवत कथा एवं एकादश कुण्डात्मक श्रीराधाकृष्ण महायज्ञ सम्पन्न

गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ वरझड़ी धुलिया महाराष्ट्र रमाकांत उपाध्याय / 9893909059

 

श्रीचन्द्रमौलेश्वर धाम वरझडी धुलिया महाराष्ट्र में श्रीमद्भागवत कथा एवं एकादश कुण्डात्मक श्री राधाकृष्ण महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसके समापन पर श्री राधाकृष्ण भगवान एवं शनि महाराज की हूई प्राण प्रतिष्ठा की गई।

 

कथा आयोजक सीमित वरझडी एवं राधाकृष्ण भगवान की मूर्ति भेंटकर्ता रावसाहेव जी पाटिल, एवं शनि महाराज की मूर्ति भेंटकर्ता अर्जुन नारायण नागरे जी समस्त वरझडी वासी एवं क्षेत्र वासियों का अतिशय सहयोग प्राप्त हुआ। 

सद्गुणों को देखें और ग्रहण करें- शास्त्री जी

भागवत कथा के समापन दिवस पर अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित महेंद्रकृष्ण शास्त्री जी ने दत्तात्रेय जी भगवान का प्रसंग श्रवण कराया। उंन्होने बताया कि भगवान दत्तात्रेय जी ने २४ गुरू अपने जीवन में वनाए। दत्तात्रेय जी भगवान कहते हैं कि किसी के दुर्गुणों को न देखते हुवे उसके सद्गुणों को देखते हुवे उनको अपने जीवन मै शिक्षा रूप ग्रहण करे तो ही आपके भविष्य का निर्माण हो सकता है, वर्ना ईर्ष्या के वशीभूत होकर लंका भी ईर्ष्या की अग्नि मै जलकर खाक होगयी थी।

उन्होंने कहा कि अपने से छोटों का सहयोग करें, समाज मै एकता का मिशन हो, घर_घर मै रामायण- गीता- गायत्री-और गायों का सम्मान हो, तभी सनातन संस्कृति बची रहेगी।