जिले के चयनित 76 रूटों पर 546 ग्रामों के 4 लाख 76 हजार 523 ग्रामीण होंगे लाभान्वित, पायलट प्रोजेक्ट के तहत विदिशा का चयन, ऑपरेटरों को सरकार देगी प्रोत्साहन राशि, टेक्स की भी रहेगी छूट,
गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ विदिशा मध्यप्रदेश रमाकांत उपाध्याय / 9893909059
विदिशा जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में ग्रामीण परिवहन नीति के तहत एक मई से वाहनों का संचालन किया जाएगा। इसकी जानकारी परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने दी। नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार में आयोजित बैठक में परिवहन आयुक्त जैन बताया कि विदिशा जिले में कुल 76 ग्रामीण मार्गों को चिन्हित किया गया है। जिनकी कुल लंबाई 1513 किलोमीटर है। इन ग्रामीण मार्गों एवं इसके आसपास के 546 ग्रामों की लगभग 4 लाख 70 हजार 523 ग्रामीण आबादी सीधे लाभान्वित होगी।
परिवहन आयुक्त श्री जैन ने ग्रामीण परिवहन नीति 2022 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाने वाली सहायता की शुरुआत के संबंध में नीति के विभिन्न बिंदुओं से बस ऑपरेटर को विस्तार पूर्वक अवगत ही नहीं कराया बल्कि उसकी प्रतियां भी उपलब्ध कराई हैं।
उन्होंने कहा कि शासन और विभाग का भी यही ध्येय है कि ग्रामीणजनों को आवागमन में किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। और पहले से ज्यादा सहूलियतें सुगमता से प्राप्त हों।
उन्होंने कहा कि विदिशा में यह प्रोजेक्ट शुरुआत होने के 6 माह बाद उपलब्धियों के आधार पर यह प्रोजेक्ट प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में विदिशा का चिन्हांकन क्यूं किया गया है उन कारणों पर भी गहन प्रकाश डाला है।
वाहन संचालकों को मिलेगी सुविधाएं
परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने ग्रामीण परिवहन नीति के तहत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में विदिशा में वाहनों का संचालन करने वालों के लिए दी जाने वाली तीन प्रमुख सहूलियतों को रेखांकित करते हुए बताया कि वाहन संचालकों को वाहनों का टैक्स नहीं देना होगा। निर्धारित रूट मार्ग पर वाहनों की केपेसिटी क्रमशः सात, 15 एवं 20 सीटर वाहनों की अनुमति प्रदाय की जाएगी। इन वाहनों के नियमित संचालन के आधार पर औसतन 9 हजार रूपये राज्य सरकार के माध्यम से प्रोत्साहन के रूप में वाहन संचालकों को प्रदाय किया जाएगा। इस सबके पीछे यही मंशा है कि ग्रामीणजनों को यातायात के क्षेत्र में अधिक से अधिक सहूलियतें प्रदान करना है। एक मई से अक्टूबर 2022 तक लगातार छह माह तक वाहनों के संचालन के उपरांत उसका मूल्यांकन, गाड़ी चली कि नहीं इत्यादि की जानकारी निर्धारित रूट मार्ग के ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों से पूछकर सत्यापित किया जाएगा।
परिवहन आयुक्त श्री जैन ने बताया कि वाहनों की सवारियों को निर्धारित रूट का किराया निर्धारण राज्य सरकार द्वारा अभी सामान्य रूप से अनुरूप वाहन संचालकों को देय होगा। वाहनों के पंजीयन हेतु विदिशा जिले के लिए पृथक से सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि निर्धारित रूटों पर वाहनों के परमिट प्रदाय के उपरांत छह माह तक संचालन करने पर पॉइंटों का निर्धारण किया जाएगा। प्रत्येक पॉइंट के लिए 15 पैसे वाहन संचालकों को शासन स्तर से प्रदाय किया जाएगा। जो औसतन 9 हजार से अधिक होगा।
बैठक में उपस्थित जिला क्राईसिस मैनेजमेंट समिति के सदस्य मुकेश टण्डन ने कहा कि यह योजना ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए बेहद सुगम साबित होगी। विदिशा को इस योजना के लिए पायलेट प्रोजेक्ट में चुना जाना विदिशावासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस योजना के संचालित हो जाने से विदिशा जिले के ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे रोजगार स्थापित हो सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के रहवासियों के साथ-साथ स्कूली बच्चे, व्यापारियों के अलावा शासकीय अमले को भी ग्रामीण क्षेत्रों में सुगमता से आने जाने में सहूलियत होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद दिया है कि इस योजना की शुरूआत विदिशा से की गई। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर इस योजना को सफल बनाएंगे।जिला परिवहन आयुक्त श्री जैन को बैठक में उपस्थित बस संचालकों के द्वारा योजना से संबंधित जिज्ञासाओं का सामाधान किया है।
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने सभी को आश्वस्त कराया कि विदिशा जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जो सुविधा ग्रामीण जनों को मिल रही है उसका सुव्यवस्थित रूप से संचालन में किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं आने दी जाएंगी। ताकि विदिशा मॉडल रोल के रूप में प्रदेश में स्थापित हो सके।
उपरोक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका शुक्ला, जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट, जिला परिवहन अधिकारी गिरजेश वर्मा के अलावा बस संचालक मौजूद रहे।
ग्रामीण परिवहन नीति से मीडियाबंधु अवगत हुए,परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने पत्रकारों से संवाद कर जिज्ञासाओं का समाधान किया
परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने ग्रामीण परिवार नीति के निर्धारित मापदंडों से मीडिया बंधुओं को भी विस्तृत रूप से अवगत ही नहीं कराया बल्कि उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान किया उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश के अनुक्रम में ग्रामीण अंचलों में सुगम एवं सस्ती लोक परिवहन सेवा उपलब्ध करने हेतु परिवहन विभाग द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल के सहयोग से प्रदेश में नवीन ग्रामीण परिवहन नीति को प्रस्तावित किया गया। उन्होंने बताया कि सुविधाजनक एवं सस्ती लोक परिवहन सेवा समेकित एवं सतत् आर्थिक विकास हेतु महत्वपूर्ण है। वर्ष 2005 में राज्य सरकार द्वारा मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एमपीएसआरटीसी) को बंद करने के निर्णय उपरांत, विगत वर्षों में लोक परिवहन सेवाएं मूलतः निजी तौर पर संचालित होती रही हैं। निजी ऑपरेटरों द्वारा बसें उन्ही मार्गों पर संचालित की जाती हैं जहाँ अधिक यात्री होते हैं और जो व्यावसायिक रूप से संचालकों के लिए लाभप्रद होते हैं। परंतु अन्य मार्गों एवं अंदरूनी ग्रामीण क्षेत्रों में व्यावसायिक रूप से लाभप्रद न होने के कारण लोक परिवहन सेवाएं संचालित नहीं हैं। ग्रामीण यात्री दैनिक आवाजाही हेतु मूलतः प्राईवेट छोटे वाहनों पर निर्भर हैं। ग्रामीण परिवहन की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को कम करने एवं सुचारु परिवहन हेतु नई ग्रामीण परिवहन नीति आवश्यक है।
प्रस्तावित नवीन ग्रामीण परिवहन नीति के तहत रूरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट (आरटीसी) मॉडल को पायलट के रूप में विदिशा जिले में क्रियान्वित किए जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्देश दिये गए हैं। इस पायलेट के सफल होने पर पूरे प्रदेश में रोलआउट किए जाने की योजना है।
विदिशा जिले में कुल 76 ग्रामीण मार्गों को चिन्हित किया गया है जिनकी कुल लम्बाई 1513 कि. मी. होती है। इन ग्रामीण मार्गों एवं इसके आस-पास 546 ग्राम स्थित हैं जिनकी लगभग 4,70,523 ग्रामीण जनसंख्या प्रस्तावित नीति से लाभान्वित होगी। प्रस्तावित ग्रामीण परिवहन नीति के तहत ग्रामीण मार्ग पर 71 से 201 बैठक क्षमता के वाहनों के संचालन की अनुमति होगी तथा इन ग्रामीण परिवहन सेवा हेतु संचालित वाहनों पर मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 के तहत देय मासिक मोटरयान कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।
मिलेगी प्रोत्साहन राशि
ग्रामीण परिवहन सेवा के रूप में निरंतर 6 माह तक संचालित वाहनों के संचालकों द्वारा उक्त संचालन से अर्जित किए गए रूरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट (आरटीसी) के विरुद्ध निर्धारित मूल्यानुसार प्रोत्साहन राशि आगामी छमाही में वाहन संचालक को प्रदाय की जाएगी।
परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने उदाहरण प्रस्तुत करते बताया कि एक बस ऑपरेटर एक 07 सीटर यात्री (पैसेंजर) वाहन एक दिन में 100 कि. मी. चलाता है, तो वह 700 यात्री कि. मी. (पैसेंजर कि. मी.) प्रतिदिन एवं 21000 यात्री कि. मी. प्रति माह सेवा प्रदान करता है अर्थात 21000 प्रति माह त्ज्ब् अंक अर्जित करता है। एक त्ज्ब् अंक के मूल्य को 15 पैसे के बराबर माना जाएगा जिसके अनुसार वाहन संचालक द्वारा अर्जित किए गए 21000 प्रतिमाह आरटीसी अंक राशि रु. 3150 रू प्रतिमाह के बराबर हो जायेगे जो कि प्रोत्साहन राशि के रूप में राज्य सरकार द्वारा वाहन स्वामी को दी जाएगी । यदि एक बस ऑपरेटर एक 12 सीटर यात्री (पैसेंजर) वाहन एक दिन में 100 कि. मी. चलाता है, तो वह 1200 यात्री कि. मी. (पैसेंजर कि. मी.) प्रतिदिन एवं 36000 यात्री कि. मी. प्रति माह सेवा प्रदान करता है अर्थात अर्जित किए गए 36000 प्रतिमाह त्ज्ब् अंक, 15 पैसे प्रति अंक के मान से राशि रु.5400 रू प्रतिमाह के बराबर हो जायेंगे जो कि प्रोत्साहन राशि के रूप में राज्य सरकार द्वारा वाहन स्वामी को दी जाएगी।
यदि एक बस ऑपरेटर एक 20 सीटर यात्री (पैसेंजर) वाहन एक दिन में 100 कि. मी. चलाता है, तो वह 2000 यात्री कि. मी. (पैसेंजर कि. मी.) प्रतिदिन एवं 60000 यात्री कि. मी. प्रति माह सेवा प्रदान करता है अर्थात अर्जित किए गए 60000 प्रतिमाह त्ज्ब् अंक, 15 पैसे प्रति अंक के मान से राशि 9000 रू- प्रतिमाह के बराबर हो जायेगे जो कि प्रोत्साहन राशि के रूप में राज्य सरकार द्वारा वाहन स्वामी को दी जाएगी।
ऑनलाइन होगा आवेदन
इस योजन के तहत वाहन के संचालन के लिए इच्छुक वाहन संचालक अपने वाहन जिसकी बैठक क्षमता 71 से 201 है, के वैध प्रपत्र होने पर जिला परिवहन कार्यालय में आकार अथवा परिवहन विभाग की वेवसाइड पर जाकर निर्धारित 76 ग्रामीण मा से किसी एक मार्ग पर अथवा आपस में जुड़े हुये एक से अधिक मार्गों पर वाहन संचालन हेतु परमिट प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकते हैं।