गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ विदिशा मध्यप्रदेश रविकांत उपाध्याय / 9893909059
बढ़ती गर्मी और लू की चपेट में आने से बचने के लिये यदि प्यास नहीं भी लगी हो, तो भी पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। नींबू पानी, छाछ, लस्सी, जूस और ओआरएस का घोल शरीर को पानी की कमी से बचाये रखता है। तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानास, खीरा आदि अधिक पानी की मात्रा वाले फल और सब्जियाँ खाएँ। घर से निकलते वक्त पानी की बॉटल साथ रखें। वर्तमान समय में तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है। गर्म हवाएं चलने लगी हैं।जिसके कारण लू लगने की आशंका बढ़ गई है।
पर्याप्त पानी पिएं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अखंड प्रताप सिंह ने लू से बचने के लिए जन सामान्य को ज्यादा समय तक घर में रहने एवं अनावश्यक बाहर ना निकलने की सलाह दी है। आमजन अति आवश्यक कार्य होने पर ही घर से बाहर निकलें। घर से बाहर निकलते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, खाली पेट घर से बाहर न जायें, इससे लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। दिन में कम से कम 12 से 15 गिलास पानी जरूर पियें। लू से बचाव के लिए देशी घरेलू उपाय आम का पना, नीबू का पानी एवं प्याज के रस का उपयोग करें। बाहर निकलते समय सूती कपड़े से चेहरा और सर ढककर रखें तथा पानी साथ में जरूर रखें। पहनने के लिए सूती कपड़ों का अधिक उपयोग करें।
सीधी धूप से बचें
घर से बाहर निकलते वक्त अपने सिर को टोपी, दुपट्टे, छाता, गमछा या किसी अन्य कपड़े से ढँक कर ही निकलें, सीधी धूप में आने से बचें। अगर बाहर निकलना आवश्यक न हो, तो घर में ही रहें और अपने आवश्यक काम हो सके तो सुबह और शाम करें। टीवी, रेडियो, समाचार-पत्र आदि के माध्यम से तापमान पर नजर रखें।
घर में सीधे धूप आने से रोकें
घर के ऐसे दरवाजे और खिड़कियाँ, जो सीधे धूप के प्रभाव में रहते हैं, उन्हें बंद रखें या पर्दें ड़ालकर रखें। इन्हें रात में शुद्ध हवा के लिये खोलें।
इन्हें अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता
बच्चे, गर्भवती महिलाएँ, मानसिक रोगी, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग आदि गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति अतिरिक्त सावधानी बरतें। सामान्यत: शरीर का तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस से 37.2 डिग्री सेल्सियस होता है। लू लगने पर तापमान में बढ़ोत्तरी, घमोरियाँ, हाथ-पाँव और टखनों में सूजन, बेहोशी, माँसपेशियों में ऐठन आदि हो सकती हैं। हीट स्ट्रोक ह्रदय, श्वसन और किडनी के मरीजों को पेरशानी में डाल सकता है।
अगर आप धूप से आएँ हैं और चक्कर, बेहोशी, जी मचलाना, उल्टी, सिरदर्द, तीव्र, प्यास और साँस-धड़कन तेज हो गई है, तो फौरन ठंडे स्थान पर पहुँचे और ठंडे पेय पदार्थ लेना शुरू कर दें। खाना बनाते समय दरवाजा और खिड़की खोलकर रखें। चाय, काफी, साफ्ट ड्रिंक और जिनमें अधिक मात्रा में शक्कर होती है ऐसे पेय पदार्थों का सेवन न करें। यह पदार्थ शरीर के जल को कम करते हैं और पेट में मरोड़ उत्पन्न करते हैं। बासी भोजन करने से बचें। अधिकतम पानी का सेवन सर्वोत्तम है। अगर एक घंटे से अधिक समस्या रहती है, तो चिकित्सकीय सलाह लें।
चिकित्सीय सलाह लें
अगर लू के लक्षण जैसे मितली आने, गला सूखने तथा बुखार का प्रकोप होने जैसा लगे तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करके उचित उपचार करायें। सीएमएचओ ने ठन्डे वातावरण से गरम या गरम वातावरण से ठण्डे में अचानक ना जाने की भी सलाह दी गई है।
डॉक्टर अखंडप्रताप सिंह
जिला मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी विदिशा