पुस्तकें हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण मित्र

आशीष दुबे बनाए गए पाठक मंच के नगर केंद्र संयोजक

गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल@गंजबासौदा रमाकांत उपाध्याय/

मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा संचालित पाठक मंच इकाई गंजबासौदा का संयोजक नगर के चिरपरिचित ओज के कवि एवं मंच संचालक आशीष दुबे को नियुक्त किया गया ।
इस अवसर पर उपस्थित सभी सदस्यों ने उन्हें बधाई प्रेषित करते हुए मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दबे जी एवं राकेश सिंह जी का आभार व्यक्त किया।


आज आयोजित की गई पाठक मंच की गोष्टी एवं पुस्तक समीक्षा कार्यक्रम में पुस्तक ‘मैं आर्यपुत्र हूं’
लेखक मनोज सिंह की समीक्षा करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील बाबू भाई बाबूभाई पिंगले ने बताया कि पुस्तके हमारे जीवन के सबसे अच्छे साथी एवं मित्र होते हैं । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंडित अरविंद शास्त्री जी ने मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिक पुस्तक में के पठन-पाठन पर बल देते हुए कहा कि मैं आर्यपुत्र हूं पुस्तक से हमको वैदिक साहित्य की जानकारी प्राप्त होती है।

पाठक केंद्र के नवनियुक्त संयोजक  आशीष दुबे ने बताया कि पाठक मंच का परिचय उद्देश्य से अवगत कराते हुए कहा कि युवा पीढ़ी जो कि अपनी आधुनिक जीवन शैली के कारण कहीं पठन पाठन की रुचि से दूर होती जा रही है ।उनको पुस्तकों के अध्ययन की ओर जोड़कर अपनी सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराना मुख्य उद्देश्य है। युवा पत्रकार अमित शुक्ला ने बताया कि हमें युवा और छात्रों को लेकर आगामी कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए। 


लक्ष्मी नारायण चौबे पत्रकार ने कहा कि पुस्तक से हमारी कई भ्रांतियां दूर होती हैं एवं ऐतिहासिक तथ्यों की सटीक जानकारी मिलती हैं इस अवसर पर उपस्थित युवा कवि मधुर शर्मा ने पाठक मंच को ग्रामीण क्षेत्र में काम करने हेतु अपने सुझाव दिए कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी विजय अरोरा जी एवं युवा लेखक कमलेश बंसल और शुभम भोला ने मैं आर्य हूँ पुस्तक के बारे में कहा कि यह पुस्तक विद्यालय में विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु उपलब्ध कराई जाए ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए नीलेश चतुर्वेदी ने बताया कि पुस्तक समीक्षा से हमें जो सार प्राप्त होता है उससे हमारी समय और ऊर्जा की बचत होती है और कम समय में हमें अधिक ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध हो जाती है ।
कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित सभी जनों का आभार नगर के युवा कवि ध्रुव शर्मा बेचैन ने व्यक्त किया ।
इस अवसर पर कुछ लोग ऑनलाइन माध्यम से भी इस संगोष्ठी से जुड़े रहे जिनमें शेलेन्द्र सक्सेना सक्सेना, संजय श्रीवास्तव प्रज्ञा ,महेंद्र भार्गव ,हरि नारायण दुबे सहित कई अन्य लोग इस संगोष्ठी से संगोष्ठी भर वर्चुअली जुड़ कर अपने विचार व्यक्त किए।