गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ वाराणसी उत्तरप्रदेश रविकांत उपाध्याय / 8085883358
श्री गणेशाय नमः
?? शिवरात्रि का पर्व कब और क्यों मनाया जाता है।
श्लोक ??फाल्गुन कृष्ण चतुर्दश्याम आदिदेवों महा निशा।
शिवलिंग तायोदभूत कोटि सूर्य समप्रभ।।
अर्थात् शिवरात्रि के दिन परम ब्रह्म का साकार लिंग के रूप में प्रकृटी करण का पर्व माना गया है शिव आराधना के लिए वर्ष भर में सबसे पवित्र रात्रि महाशिवरात्रि का परम पुनीत पर्व 1 मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा भगवान शिव की आराधना उपासना से हर कार्य की सिद्धि की जा सकती है जाने कैसे
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१ महादेव का शुद्ध जल से अभिषेक करने से सुख शांति की प्राप्ति होती है
२ महादेव का शकर से अभिषेक करने से उत्तम बुद्धि एवं विद्या की प्राप्ति होती है
३ महादेव का शहद से अभिषेक करने से धन धान्य की प्राप्ति होती है
४ महादेव का अभिषेक गाय के दूध से करने से संतान की प्राप्ति होती है
५ महादेव का सरसों तेल से अभिषेक करने से शत्रुओं का पराभव होता है
६ महादेव का तीर्थ के जल से अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है
७ तथा पंचामृत से अभिषेक करने से महादेव की कृपा प्राप्त की जाती है
इस तरह अलग-अलग अभिषेक पूजन करके मनुष्य अपनी मन समस्त इच्छाओं की पूर्ति कर सकता है महाशिवरात्रि की रात्रि काल में महादेव की चारों पहर की अलग-अलग पूजन एवं अभिषेक करने का विधान शास्त्रों में विधान है।
अपनी राशि के अनुसार करें भगवान शिव के विभिन्न रूपों की पूजन।
मेष सोमनाथ
वृष मल्लिकार्जुन
मिथुन महाकाल
कर्क ओंकारेश्वर
सिंह वैघनाथ
कन्या भीमशंकर
तुला रामेश्वर
वृश्चिक नागेश्वर
धनु विश्वनाथ
मकर त्रंबकेश्वर
कुंभ केदारेश्वर
मीन घुमेश्वर
इस तरह अपनी अपनी राशि के अनुसार भगवान शिव के विभिन्न रूपों की पूजन अभिषेक करने से अपने जीवन को सुखी बनाएं।
आचार्य वैभव वशिष्ठ
फलित ज्योतिष एवं अनुष्ठान केंद्र
वाराणसी (काशी)
६२६००३९१४६