गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ वाराणसी उत्तरप्रदेश रमाकांत उपाध्याय/ 9893909059
श्री रामानंद विश्व हितकारिणी परिषद के तत्वावधान में श्रीमद् जगदगुरू रामानन्दाचार्य जी की ७२२ वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में पूज्य स्वामी वेदान्ती जी की अध्यक्षता में एक विद्वत सम्मेलन का आयोजन वाराणसी स्थित श्री राम मन्दिर गुरूधाम में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि प्रखर जी महाराज तथा मुख्य प्रवक्ता अखिल भारतीय सन्त समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज, पातालपुरी मठ के महन्त बालक दास जी मौजूद थे। विशेष अतिथि के रूप में कबीर पीठ के विवेक जी, वनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर तथा काशी विद्वतपरिषद के महामंत्री रामनारायण द्विवेदी, कुटुम्ब प्रबोधन काशी के प्रमुख सुखदेव त्रिपाठी जी , पूर्व वेद विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर हृदय रंजन शर्मा जी , प्रोफ़ेसर उपेन्द्र त्रिपाठी जी, अनिल शास्त्री थे। सभा का संचालन महन्त श्रवण दास शास्त्री ने किया।
स्वामी डॉ रामकमल वेदान्ती जी ने कहा की जगदगुरू रामानन्दाचार्य जी ने सामाजिक समरस्ता का जो कार्य किया, आज सुरक्षित हिन्दू धर्म इसी बजह का परिणाम है, उनके शिष्य जगदगुरू अनंतानंदाचार्य कबीर, रवि दास आदि अपने अपने क्षेत्र में धर्म प्रचार कर मुग़लों के द्वारा नष्ट किए जा रहे हिन्दू धर्म की रक्षा की उनकी व्यापक एवं दूरदर्शी दृष्टि सदैव स्मरणीय रहेगी। प्रखर जी ने कहा कि श्री रामानन्दाचार्य जी के स्थापित सिद्धान्त वेदों से भिन्न नहीं है वे सदैव संस्तुत्य रहेंगे । स्वामी जितेंद्रानंद जी ने भी स्वामी जी व्यापक व्यक्तित्व को लोकोपकारी बताया । डॉ सुखदेव त्रिपाठी जी ने कहा की स्वामी रामानन्दाचार्य जी की एक विशाल प्रतिमा वाराणासी में स्थापित इसके लिए सभी सन्तों को सरकार से आग्रह करना चाहिए।