गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ प्रयागराज उत्तरप्रदेश रमाकांत उपाध्याय/9893909059
तीर्थ राज प्रयाग की पावन भूमि पर माघ मेले में स्थापित श्री सतुआ बाबा सेवा शिविर माघ मेला समिति के सचिव महामण्डलेश्वर संतोष दास जी महाराज (सतुआ बाबा)के प्रतिनिधित्व में समायोजित नव दिवसीय श्री राम कथा के षष्टम दिवस में परम पूज्य श्री मद्जगद्गुरु अनन्तानंद द्वाराचार्य काशीपीठाधीश्वर स्वामी डॉ०रामकमल दास वेदान्ती जी महाराज ने कहा कि श्री भरत जी की दिव्य महिमा का वर्णन करते हुए कहा की श्री राम की विरह रुपी मथानी से उन्मथित होने पर ही श्री भरत के अन्दर छुपा हुआ जो वास्तविक अमृत है वह श्री राम भगत के रूप में प्रगट होता है परम पूज्य श्री वेदान्ती जी ने बताया कि आज सत्ता और स्वार्थ के लिए लोग एक दुसरे का प्राण लेने पर तुले है वही दूसरी और तपस्या और त्याग की प्रतिमूर्ति श्री भरत जी अयोध्या के धन वैभव व सत्ता और सिंघासन की ओर रंचमात्र भी नही देखते और वे सब कुछ त्याग कर अपने भइया श्री राम को मनाने के लिए चित्रकूट प्रस्थान करते है।
उनके इस निर्णय से श्री राम के वियोग में दुखी सारे अवध वासी प्रसन्न हो उठते है।पहले तो श्री भरत जी श्री राम को प्राप्त करने के लिए पैदल ही चलते हैं परंतु बाद में माँ कौशल्या के कहने पर दोनो भाई भरत और शत्रुघन घोड़ो पर बैठ जाता है, भक्त को कभी भी हटी ओर दुरावही नही होना चाहिए।
वेदांती जी ने कहा कि हमे अपने से बड़े बुजुर्गों व माता पिता का सम्मान करना चाहिए माता पिता का भी कर्तव्य है अपनी संतान को श्रेष्ठ संस्कार ,परोपकार और राष्ट्र भक्ति के साथ साथ भगवत भक्ति से भी जोड़ना चाहिए,भगवत भक्ति से ही जीवन सुलभ बनता है भगवान का भक्त राग द्वेष से अलग रह कर उसका वर्तमान तो सुधरता ही है भक्ति से उसका परलोक भी सुधर जाता है।
स्वामी श्री वेदान्ती जी ने कहा कि कथा श्रवण का वास्तविक फल यही है कि हम कथा से प्रेरणा लेकर मानव जीवन अच्छा बनाये क्योंकि जिसका यह लोक नही सुधरा तो उसका परलोक नही सुधर सकता। विधित होकर के सतुआ बाबा सेवा शिविर में दूर दूर से आये हुए भक्तो के लिए अनवरत भण्डारा व अन्य व्यवस्थाएं दी जा रही हैं।