नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी व उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेरिस्ट स्क्वॉयड) की संयुक्त टीम ने आतंकी संगठन अलकायदा के भारत मॉड्यूल के चीफ समेत दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है।इन दोनों आतंकियों को दिल्ली कोर्ट ने दिल्ली की स्पेशल सेल की अर्जी को मंजूरी देते हुए बारहा दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि देश में पहली बार अलकायदा के आतंकी पकड़े गए हैं। बताया जाता है कि अलकायदा ने करीब साल भर पहले ही भारत में दस्तक दे दी थी। यहां उसने अलकायदा इंडियन सब कांटिनेंट (एक्यूआइएस) नाम से मॉड्यूल खड़ा किया था। देशभर के युवाओं को जिहाद के नाम पर भड़का कर उन्हें भर्ती किए जाने व प्रशिक्षण देने का सिलसिला जारी था, मगर आतंकी किसी वारदात को अंजाम देते उससे पहले ही दो को दबोच लिया गया।
स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त अरविंद दीप के मुताबिक गिरफ्तार किए भारत चीफ का नाम मोहम्मद आसिफ (41) व उसके साथी का नाम अब्दुल रहमान है। मो. आसिफ उत्तर प्रदेश के संभल जिले के दीपासराय का रहने वाला है। जानकारी मिली है कि संभल के ही रहने वाले अलकायदा के भारतीय उपमहाद्वीप के चीफ सनाउलहक उर्फ मौलाना आसिम उमर के बुलावे पर वह जून 2013 में अलकायदा में ज्वाइन करने के लिए पाकिस्तान गया था। वहां पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा पर एक आतंकी कैंप में उसने कई महीने तक प्रशिक्षण लिया। फिर सितंबर 2014 में वह वापस लौट आया। इसके बाद वह संभल में ही छोटी-मोटी नौकरी करते हुए अलकायदा में जोड़ने के लिए युवाओं की तलाश करने लगा। उसे अलकायदा प्रमुख ने भारत में मॉड्यूल खड़ा करने की अहम जिम्मेदारी सौंपी थी।
सितंबर 2014 में ही अलकायदा के मुखिया अलजवाहरी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो के बाद से सुरक्षा एजेंसियां मो. आसिफ की तलाश में जुट गईं। संयुक्त टीम को 14 दिसंबर 2015 को सूचना मिली कि आसिफ दिल्ली के वेलकम इलाके में किसी खास मकसद से आने वाला है। इसी बीच सीलमपुर फ्लाईओवर के पास उसे दबोच लिया गया। उसके पास से लैपटॉप व तीन मोबाइल मिले थे। उसे पूछताछ के लिए 14 दिनों की रिमांड पर लिया गया है। संक्षिप्त पूछताछ के बाद सेल की दूसरी टीम ने उसके एक साथी मोहम्मद अब्दुल रहमान को कटक (ओडिशा) से गिरफ्तार कर लिया। उसे गुरुवार सुबह तक दिल्ली लाया जाएगा। वह कटक का ही रहने वाला है। सेल का दावा है कि दोनों से पूछताछ में पूरे मॉड्यूल के बारे में पता लग जाएगा साथ ही कई विस्फोटक भी बरामद हो सकते हैं।
अब्दुल रहमान से पूछताछ में पता चला है कि हैदराबाद के 21 साल के एक छात्र को पाकिस्तान भेजकर अलकायदा में ज्वाइन कराया गया है। ओडिशा पुलिस ने भी दिल्ली पुलिस को बताया था कि जगतपुर इलाके से कुछ संदिग्ध व्यक्ति लगातार पाकिस्तान फोन कर रहे हैं। इसके बाद रहमान की तलाश की जा रही थी। वह शादीशुदा है और टांगी थानाक्षेत्र में मदरसा चलाता था। रहमान के बड़े भाई ताहिर अली को भी कटक पुलिस ने सन् 2001 में कोलकाता से आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण गिरफ्तार किया था।
मो. आसिफ व रहमान से पूछताछ में उनके मकसद का पता तो अभी नहीं चल सका है, लेकिन माना जा रहा है इनकी योजना क्रिसमस व नववर्ष पर दिल्ली-एनसीआर को दहलाने की थी। अरविंद दीप के मुताबिक अगर यह मॉड्यूल देश में जड़ें जमा लेता तो यहां भारी तबाही मचा सकता था, क्योंकि अलकायदा बड़ी वारदातों को अंजाम देता है।