बिना फैक्टरी के ही बन गया मेक इन इंडिया फ्रीडम 251
नई दिल्ली:- देश भर के स्मार्टफोन प्रेमियों को दीवाना बना देने वाले स्मार्ट फ़ोन फ्रीडम 251 के बारे में एक न्यूज़ एजेंसी को कुछ ऐसी जानकारी मिली है जो आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगी कि कैसे बिना किसी फैक्ट्री के ये फोन बनाया जा रहा है,जबकि दावा है की ये मेक इन इन्डिया प्रोडक्ट है। फोन को लेकर दीवानगी का आलम ये है कि इसे बुक करने वाली रिंगिंग बेल्स कंपनी की वेबसाइट 12 बजे के बाद ओपन ही नहीं हुई। सूत्रों के मुताबिक इस तमाशे के बाद हरकत में आई कारपोरेट मिनिस्ट्री ने भी अपनी जांच आरंभ कर दी है।
आपको जान कर हैरत होगी की रिंगिंग बेल्स के डायरेक्टर मोहित गोयल का बैक्ग्राउन भी ऐसा नहीं है की वो इतनी बड़ी मात्रा में फ़ोन का उत्पादन कर सके और न ही उसके पास मोबाइल फोन इंजीनियरिंग का कोई अनुभव है। हमने जब इस फोन के उत्पादन यूनिट का पता करना चाहा तो जानकारी मिली की इसकी तो कोई उत्पादन इकाई ही नहीं है|
अब सवाल ये है की जब उत्पादन इकाई ही नहीं है तो ये मेक इन इण्डिया फोन कैसे हो गया और इससे भी बड़ी बात ये है की कंपनी ने इसे इम्पोर्ट भी नही किया तो आखिर ये आये कहाँ से|
देश के सभी बड़े अख़बारों में इस फोन का डबल साइड विज्ञापन छापा गया है जिसमें करोड़ों रूपए खर्च हुए। कंपनी की और इसे चलनेवाले सभी सदस्यों की माली हालत के बारे में जब हमने पड़ताल की तो पता चला की उनकी हैसियत ही नहीं है इतना पैसा खर्च करने की विज्ञापन में।
हमें जानकारी मिली है कि यह चीन की चीप कंपनी एडकॉम का आईकॉन-4 फोन है जिसे कंपनी नए नाम के साथ इण्डिया में बेच रही है। बड़ी बात ये है की एडकॉम ने अपने इस फोन को लेकर इण्डिया में किसी के साथ कोई भी साझेदारी नहीं की है|
अब ऐसे में सवाल ये है की कैसे ये फोन नए नाम के साथ देश में बिकने आ गया, कहाँ से आया कब आया। ये सारी बातें किसी बड़े घोटाले की तरफ इशारा कर रही हैं। और एक बात ये भी की यह फोन ढाई हजार का होता तो भी मंहगा सौदा नहीं होता। तो फिर वास्तविक कीमत के दसवें हिस्से में चड्ढा साहब की यह कंपनी यह फोन क्यों बेच रही है? क्या वाकई यह 251 की आजादी डिजिटल इंडिया के लिए देशभक्त क्रांति है? या फिर कहानी कुछ और है।
व्यापारी जब घाटे का सौदा करके व्यापार शुरु करता है तब विश्वास नहीं होता। सस्ता फोन बेचने के पीछे कंपनी का कोई लाजिक गले नहीं उतर रहा है। बहुत सारे सवाल मन में उठ रहे हैं। दाल में काला तो है यह तो साफ समझ आ रहा है लेकिन वह काला क्या है यह समझ नहीं आ रहा।
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने ट्राई को चिट्ठी लिखी है। सरकार को तत्काल कार्रवाई करते हुए इसकी बुकिंग पर तत्काल रोक लगा देनी चाहिए और पूरी जांच पड़ताल के बाद ही उन्हें फोन बेचने की इजाजत देनी चाहिए। नहीं तो ढाई सौ रुपये का फोन तो किसी को मिलेगा नहीं बल्कि एकाध करोड़ लोगों ने भी बुकिंग कर ली ये ठग ढाई तीन सौ करोड़ के मालिक बन जाएंगे।
कुछ बड़े सवाल जो शक पैदा करते हैं –
पहली बात, फ्रीडम-२१५ की वेबसाइट सबसे बड़ा शक पैदा कर रही है। जहां फोन के लिए सीधे पेमेन्ट किया जाना है वह वेबसाइट सिक्योर गेटवे (HTTPS) पर नहीं है। क्या कोई ईकॉमर्स कंपनी इतनी नादान हो सकती है कि अपने पेमेन्ट गेटवे के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ करे कि हैकर आसानी से वहां दर्ज होनेवाले क्रेडिट और डेबिट कार्ड की पहचान में सेंध लगा दे? दूसरी बात। एक दिन पहले तक देशभर में विज्ञापन देकर फोन के लांच होने की मुनादी की जा रही थी जबकि वेबसाइट पर किसी और स्मार्टफोन की फोटो लगा रखी थी जिसे कल लांच होने के बाद हटा दिया गया।
तीसरी बात कंपनी के तीनों डायरेक्टर गांव से आनेवाले सामान्य परिवार के लोग है। तीनों मुजफ्फरनगर के शामली तहसील के रहनेवाले वाले हैं। अगर डायरेक्टर इतने सामान्य परिवार के लोग हैं तो करोड़ों रुपये का विज्ञापन अखबार में कैसे दे रहे हैं? यह पैसा कहां से आ रहा है क्योंकि डायरेक्टरों की हैसियत तो अखबार में मैट्रिमोनियल एड छपवाने की भी नहीं दिख रही है।
चौथी बात। अगर डायरेक्टरों की माली हालत यब है तो फिर उनकी फैक्ट्री कहां है? वे कह रहे हैं कि नोएडा और उत्तराखण्ड में उनकी फैक्ट्री है। लेकिन न तो उस फैक्ट्री का पता बता रहे हैं और न ही फैक्ट्री होने का कोई सबूत दे रहे हैं।
पांचवी बात, आर्डर बुकिंग होने पर डिलिवरी का टाइम तीन से छह महीने का दिया जा रहा है। यानी जून से नवंबर के बीच डिलिवरी दी जाएगी। बुकिंग के बाद वे इतना टाइम क्यों मांग रहे हैं? आनलाइन बुकिंग पर जो डिलवरी आमतौर पर तीन से छह दिन में आ जाती है उसके लिए तीन से छह महीने क्यों मांग रहे हैं?
छठी बात, अगर फ्रीडम इतनी बड़ी डिजिटल क्रांति है तो फिर फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी किसी ट्रस्टेड ईकामर्स रिटेल कंपनी का इन्वाल्वमेन्ट क्यों नहीं है? क्या इसलिए कि पोल खुलने का डर है? आनलाइन आर्डर के वक्त पेमेन्ट का एक आप्शन कैश पेमेन्ट का भी होता है डिलिवरी के वक्त। फिर यह कंपनी सारा पैसा एडवांस में क्यों ले रही है? कैश आन डिलिवरी का आप्शन क्यों नहीं है?
सातवीं बात, उन्होंने जिस फोन को कल लांच किया वह चीन की कंपनी एडकॉम का आईकॉन-4 मॉडल जिसको खुरचने के बाद एडकॉम का लोगो सामने आ गया। जबकि एडकॉम का कहना है कि उन्होंने रिंगिंग बेल से कोई समझौता ही नहीं किया है तो क्या चोरी छिपे एडकॉम के कुछ फोन खरीदकर उसपर तिरंगा पेन्ट कर दिया गया और लोगो पर पेन्ट लगाकर उसे फ्रीडम 251 बना दिया गया?
आठवीं बात फ्रीडम251india.com कॉम डोमिन १० फरबरी २०१६ को बुक हुआ है और कंपनी भी कुछ महीने पहले बनाई गई है जिसको देखकर लगता है की किसी किसी महाघोटाले की तैयारी की गई है।
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घोटाला होनेवाला है – सावधान सावधान
सस्ते मोबाइल का क्लेम करने वाला फ़्रीडम 251 घोटाले के सिवा और कुछ नहीं.
रिंगिंग बेल एक फ़्रॉड कम्पनी के सिवा कुछ नहीं.इस बात की पूरी सम्भावना है कि हिंदुस्तान के अंदर सस्ते मोबाइल फ़्रीडम 251- रुपए 251 देने के के नाम पर बहुत बड़ा घपला होने वाला है.
सावधान: ये एकदम नई कम्पनी है जिसके बारे में कोई जानकारी भी उपलब्ध नहीं है. और इंटर्नेट पर भी बस 4-5 पन्नो में विवरण आ रहा है. इस कम्पनी की स्थापना बस पिछले वर्ष सितम्बर में हुआ है और इसका वेबसाइड freedom251.com पिछले महीने में हीं ख़रीदा गया है. सस्ते मोबाइल के नाम पर ये 100% घोटाले का हीं काम है.
इसी कम्पनी ( ringing bells.co.in ) ने इसी महीने फ़रवरी में एक स्मार्टफ़ोन रुपए 2999/- में बेचने की कोशिश की पर 10 लोगों का भी ऑर्डर कन्फ़र्म नहीं हुआ. और इस कम्पनी का कोई जवाब भी नहीं आया और इनके द्वारा दिए गए किसी भी नम्बर पर कोई कॉल रिसीव नहीं करता. ईमेल भी बाउन्स बैक हो जाता है. लोग शिकायत कर रहे हैं उन्हें भी इस घोटाले में फँसाया गया और अब यही कम्पनी ऐसे हीं फ़ीचर( 4g की जगह 3G) रुपए 251/- में देने की बात कर रही है ये घोटाला के सिवा और कुछ नहीं दिख रहा.
तो कृपया सावधान रहें. ये देखिए किस आसानी से और कितना बड़ा गोलमाल हो सकता है:-
अगर रुपए 251/- भाव से भी हिंदुस्तान के सिर्फ़ 1000000 ( 10 लाख ) लोगों ने भी बुक किया तो 251000000 ( पच्चीस करोड़ दस लाख ) सिर्फ़ दो- चार पेज की वेब साइड/ न्यूज़ पेपर ऐड देकर बना लेगी.
कम्पनी इस चक्कर में है कि छोटी रक़म समझ कर कोई कुछ नहीं करेगा और भूल जाएगा.
अपने 251/- रुपए बचाइए और इस घोटाले का हिस्सा मत बनिए.
कम्पनी आज सुबह 6 बजे से इसकी बुकिंग शुरू कर रही है,आशा है कि मेरे इस पोस्ट को अधिक से अधिक लोग पढ़ेंगे और शेयर भी करेंगे ताकि सभी लोग इस गोलमाल को समझ सके और मूर्ख बनने से बच सके.
सस्ते मोबाइल का क्लेम करने वाला फ़्रीडम 251 घोटाले के सिवा और कुछ नहीं.
रिंगिंग बेल एक फ़्रॉड कम्पनी के सिवा कुछ नहीं.इस बात की पूरी सम्भावना है कि हिंदुस्तान के अंदर सस्ते मोबाइल फ़्रीडम 251- रुपए 251 देने के के नाम पर बहुत बड़ा घपला होने वाला है.
सावधान: ये एकदम नई कम्पनी है जिसके बारे में कोई जानकारी भी उपलब्ध नहीं है. और इंटर्नेट पर भी बस 4-5 पन्नो में विवरण आ रहा है. इस कम्पनी की स्थापना बस पिछले वर्ष सितम्बर में हुआ है और इसका वेबसाइड freedom251.com पिछले महीने में हीं ख़रीदा गया है. सस्ते मोबाइल के नाम पर ये 100% घोटाले का हीं काम है.
इसी कम्पनी ( ringing bells.co.in ) ने इसी महीने फ़रवरी में एक स्मार्टफ़ोन रुपए 2999/- में बेचने की कोशिश की पर 10 लोगों का भी ऑर्डर कन्फ़र्म नहीं हुआ. और इस कम्पनी का कोई जवाब भी नहीं आया और इनके द्वारा दिए गए किसी भी नम्बर पर कोई कॉल रिसीव नहीं करता. ईमेल भी बाउन्स बैक हो जाता है. लोग शिकायत कर रहे हैं उन्हें भी इस घोटाले में फँसाया गया और अब यही कम्पनी ऐसे हीं फ़ीचर( 4g की जगह 3G) रुपए 251/- में देने की बात कर रही है ये घोटाला के सिवा और कुछ नहीं दिख रहा.
तो कृपया सावधान रहें. ये देखिए किस आसानी से और कितना बड़ा गोलमाल हो सकता है:-
अगर रुपए 251/- भाव से भी हिंदुस्तान के सिर्फ़ 1000000 ( 10 लाख ) लोगों ने भी बुक किया तो 251000000 ( पच्चीस करोड़ दस लाख ) सिर्फ़ दो- चार पेज की वेब साइड/ न्यूज़ पेपर ऐड देकर बना लेगी.
कम्पनी इस चक्कर में है कि छोटी रक़म समझ कर कोई कुछ नहीं करेगा और भूल जाएगा.
अपने 251/- रुपए बचाइए और इस घोटाले का हिस्सा मत बनिए.
कम्पनी आज सुबह 6 बजे से इसकी बुकिंग शुरू कर रही है,आशा है कि मेरे इस पोस्ट को अधिक से अधिक लोग पढ़ेंगे और शेयर भी करेंगे ताकि सभी लोग इस गोलमाल को समझ सके और मूर्ख बनने से बच सके.