टंट्या भील की शहीद स्थली केन्द्रीय जेल से पवित्र मिट्टी खण्डवा की गई रवाना
लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव के मुख्य आतिथ्य में तथा सांसद राकेश सिंह की अध्यक्षता में आज अमर शहीद टंट्या भील की शहीद स्थली नेताजी सुभाषचन्द्र बोस केन्द्रीय जेल जबलपुर से सम्मानपूर्वक पवित्र मिट्टी का कलश खण्डवा ले जाने का भव्य एवं गरिमामय कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल जबलपुर से लोक निर्माण मंत्री सहित सभी जन-प्रतिनिधि व नागरिकों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद टंट्या भील की शहीद स्थली की मिट्टी संग्रहित कर मंच स्थल पर कलश का विधिवत मंत्रोच्चार से विधि-विधान से अनुष्ठान किया गया।
लोक निर्माण मंत्री श्री भार्गव ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के शहीद स्थल से मिट्टी संग्रहण के कार्यक्रम को ऐतिहासिक एवं गौरवशाली बताया। उन्होंने कहा कि आज का दिन लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में सच बताने का दिन है। इतिहास में बहुत से ऐसे गुमनाम शहीद है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिये अपनी जान न्यौछावर की लेकिन इतिहास में उन्हें वह स्थान नहीं मिल पाया, जिसके वह हकदार थे। मध्यप्रदेश सरकार इन गुमनाम शहीदों को उनका सम्मान दिलाने के लिए कृत-संकल्पित है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का इतिहास आमजन तक पहुँचे। यह प्रयास राज्य सरकार कर रही है।
मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि जबलपुर आजादी की लड़ाई में एक रणभूमि रही है। मुगलों और अंग्रेजों से स्वतंत्रता के लिये लड़ते हुये यहाँ कई वीरों ने अपने प्राण गंवाये। स्वतंत्रता की लड़ाई में केन्द्रीय जेल जबलपुर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के इतिहास से जुड़ा़ है। इतिहास ही देश का भविष्य बनाता है अत: देश के भविष्य के लिये इतिहास जानना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज प्रतीकात्मक रूप से केन्द्रीय जेल जबलपुर से मिट्टी खण्डवा भेजी जा रही है और बलिदानियों के स्मरण की यह परम्परा बनीं रहे।
सांसद राकेश सिंह ने कहा कि जबलपुर के इतिहास में यह गौरवशाली दिन है क्योंकि टंट्या मामा की शहीद स्थली से मिट्टी संग्रहण कर खण्डवा को भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में जनजातियों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों की पहचान सुनिश्चित कर उनका सम्मान किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान इतिहासकार श्री आनंद राणा ने टंट्या भील के जीवन पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि टंट्या मामा उन महान क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने बारह साल तक ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया और विदेशी शासन को उखाड़ फेंकने के अपने अदम्य साहस और जुनून के कारण जनता के लिए खुद को तैयार किया। राजनीतिक दलों और शिक्षित वर्ग ने ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए जोरदार आंदोलन चलाया।
इस दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोमलचंद्र जैन, विधायक अजय विश्नोई, सुशील तिवारी ‘इंदू’, अशोक रोहाणी, श्रीमती नंदिनी मरावी, पूर्व विधायक और मंत्री शरद जैन, हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू , रानू तिवारी सहित कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा तथा अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।