खेलों के विकास में नहीं छोड़ेंगे कोई कसर,
गरिमामय समारोह में भारतीय महिला हॉकी टीम का हुआ सम्मान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश खेलों के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। प्रदेश के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए सभी जरूरी सुविधाएँ देने का सिलसिला थमने वाला नहीं है। भारत की महिला हॉकी खिलाड़ियों ने भारत का मान बढ़ाया है। इन पर हम सभी को गर्व है। यदि जज्बा मजबूत हो तो सफलता की सभी ऊँचाइयों को छुआ जा सकता है। भारत की महिला हॉकी टीम ने इस बार टोक्यो ओलिम्पिक में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से यही सिद्ध किया है। प्रदेश में एक वर्ल्ड क्लास हॉकी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इससे खिलाड़ी और खेलप्रेमी दर्शक दोनों लाभान्वित होंगे। यही नहीं वर्ष 2022 के खेलो इंडिया गेम्स भोपाल में आयोजित कराने को केन्द्र सरकार द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो गई है। हम राष्ट्रीय खेल आयोजित करने के लिए भी तैयार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मिंटो हॉल के सभाकक्ष में भारतीय महिला हॉकी टीम के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
समारोह में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टीम की खिलाड़ियों को 31-31 लाख रूपए की सम्मान राशि, स्मृति-चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र, श्रीफल और अंग वस्त्र से सम्मानित किया। विशेष अतिथि भारतीय ओलिम्पिक संघ के अध्यक्ष डॉ. नरिंदर ध्रुव बत्रा थे। अध्यक्षता खेल और युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने की। श्री राजिन्दर सिंह महासचिव हॉकी इंडिया और सीईओ हॉकी इंडिया सुश्री एलीना नार्मन भी उपस्थित थीं।
खिलाड़ियों को अधिकाधिक सुविधाएँ और अवसर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए लगातार कार्य हो रहा है। महिला और पुरूष खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के अधिकाधिक अवसर दिए जा रहे हैं। इसके लिए आवश्यक सुविधाएँ जुटाई गईं हैं। महिला हॉकी खिलाड़ियों की आर्थिक दिक्कत को दूर करने की पहल वर्ष 2010 में मध्यप्रदेश से हुई। इसके बाद हॉकी अकादमी को सशक्त किया गया। आज यह देश की श्रेष्ठ हॉकी अकादमियों में से एक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से भारतीय महिला हॉकी टीम को सम्मानित किए जाने के निर्णय की पृष्ठभूमि के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जब ओलिम्पिक के सेमीफाइनल मैच में बहुत अच्छा खेलने के बाद भी महिला हॉकी खिलाड़ियों को विजय नहीं मिली और उनकी आँख में आँसू दिखे थे तभी मैंने संकल्प लिया था कि टीम के सदस्यों को भोपाल में सम्मानित किया जाएगा। इसके पहले भारतीय पुरूष हॉकी टीम के प्रतिभाशाली खिलाड़ी विवेक सागर को एक करोड़ रूपए की सम्मान राशि, पुलिस उप अधीक्षक पद पर नियुक्ति और मकान देने का कार्य किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक समय भोपाल को हॉकी की नर्सरी कहा जाता था। यहाँ से देश को अनेक खिलाड़ी मिले हैं। परन्तु कुछ सालों से हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। टोक्यो ओलिम्पिक ने फिर से हॉकी को पुर्नजीवित कर दिया है। मध्यप्रदेश ने न सिर्फ आर्थिक और विकास के क्षेत्र में बीमारू राज्य का तमगा हटाया है बल्कि खेल क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश किसी से पीछे नहीं है।
बेटियों से नहीं होगा भेदभाव
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय समाज को बेटियों की भूमिका पर गर्व करना चाहिए। निश्चित ही बेटियाँ प्रतिभा के मामले में बेटों के मुकाबले कहीं भी पीछे नहीं हैं। मध्यप्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं और पुलिस में महिलाओं का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाया गया है। मध्यप्रदेश में बेटियों और महिलाओं से कोई भेदभाव नहीं होगा, यह राज्य सरकार का संकल्प है। हमारी आधी आबादी आगे बढ़ेगी तो निश्चित ही देश भी आगे बढ़ेगा। मध्यप्रदेश ने बेटियों को लखपति बनाने वाली लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ की है।
महिला हॉकी खिलाड़ियों की तारीफ में बोले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत की महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल बहुत सामान्य परिवार से आती हैं। उन्होंने टूटी हॉकी से खेला, प्रतिभा का विकास किया। उप कप्तान सविता भी कठिनाइयों से निकलीं, खेल को निखारा। मोनिका के पिता उसे कुश्ती में लाना चाहते थे। गुरजीत कौर और निक्की प्रधान साधारण किसान परिवारों की सदस्य हैं। सलीमा तो नक्सल प्रभावित ग्राम में रहती थी। बाँस की खपच्चियों से खेलीं और भारतीय टीम की सदस्य बन गईं। वंदना और सुशीला ने ग्वालियर में कोचिंग ली। वंदना फॉरवर्ड और सुशीला मिड फील्डर पोजिशन पर खेलती हैं। इसी तरह नेहा और उदिता हरियाणा से मिड फील्डर और डिफेण्डर की पोजिशन पर आई हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दिया है खेलों को पूरा समर्थन और सहयोग : श्रीमती सिंधिया
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि आज मध्यप्रदेश की महिला हॉकी अकादमी में प्रशिक्षित पाँच महिला हॉकी खिलाड़ियों सहित सम्पूर्ण भारतीय महिला हॉकी टीम का सम्मान होना विशेष अवसर है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खेलों और खिलाड़ियों को जो समर्थन और सहयोग दिया है, वह अभूतपूर्व है। टोक्यो ओलिम्पिक में हुए सभी मैच हमने देखे थे। पूरा यकीन था कि हम कोई न कोई मेडल लाएँगे। यह संभव नहीं हुआ। इसके बावजूद चौथे स्थान पर रहकर भी भारतीय महिला हॉकी टीम ने अच्छे खेल प्रदर्शन से सभी का दिल जीतने में सफलता हासिल की। मध्यप्रदेश में महिला हॉकी को पूरा बढ़ावा दिया गया है। स्पर्धाएँ निरंतर होती रहती हैं, 29 फीडर सेन्टर विकसित किए गए हैं। प्रदेश में 11 एस्ट्रो टर्फ बनाए गए, 4 नए मिलाकर इनकी संख्या 15 हो गई है। मध्यप्रदेश महिला हॉकी अकादमी एक श्रेष्ठ हॉकी अकादमी सिद्ध हुई है। राज्य खेल मलखम्ब के लिए 15 फीडर सेन्टर बनाए गए हैं। इस खेल को पूरा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। शीघ्र ही उज्जैन में एक राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा होने वाली है।
भारतीय महिला हॉकी टीम की केप्टन सुश्री रानी रामपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टीम की खिलाड़ियों को सम्मानित कर सभी प्रदेशों को संदेश दिया है। इन्होंने बेटियों को प्रोत्साहित करने का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। मध्यप्रदेश में हॉकी के प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जो सेटअप बनाया है, उसकी तारीफ करना होगी। हॉकी की खिलाड़ियों को इस प्रोत्साहन से बहुत सहयोग मिलेगा।
भारतीय ओलिम्पिक संघ के अध्यक्ष डॉ. नरिंदर ध्रुव बत्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न खेल अकादमियाँ प्रारंभ कर मध्यप्रदेश में खेलों के पक्ष में अनुकूल वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य किया है। भारत की महिला हॉकी टीम का गौरव बढ़ाने में ग्वालियर की महिला हॉकी अकादमी का योगदान महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश सरकार के प्रयास सराहनीय है। श्री बत्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण खेल स्पर्धाओं के आयोजन की भी क्षमता रखता है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण गुलशम बामरा, भोपाल के विभिन्न खेल संगठन के पदाधिकारी, भोपाल निवासी पूर्व हॉकी ओलम्पियन जलालउद्दीन और समीर दाद भी उपस्थित थे। खेल संचालक रवि कुमार गुप्ता ने आभार प्रदर्शन किया। हॉकी इंडिया की ओर से मुख्यमंत्री श्री चौहान को स्मृति-चिन्ह दिया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान को भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों के हस्ताक्षरयुक्त फ्रेम्ड कराई गई टी-शर्ट भेंट की गई।