विद्युत की लगातार हो रही हानियों को रोकने एवं राजस्व वसूली हेतु स्थानीय नागरिकों को बनाया जाएगा विद्युत प्रहरी, मिलेगा रोजगार
प्रदेश ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि राज्य में विद्युत वितरण कंपनियों में हानियों पर नियंत्रण एवं नगद राजस्व संग्रहण में वृद्धि करने के उद्देश्य से स्थानीय व्यक्तियों के माध्यम से ‘‘विद्युत प्रहरी योजना‘‘ लागू की जा रही है। यह योजना पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में एक वर्ष की अवधि के लिए भिण्ड, मुरैना, आगर, शाजापुर, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिला मुख्यालयों के ऐसे फीडर अथवा वितरण ट्रांसफार्मरों के समूह में लागू की जाएगी , जिनमें हानियों का स्तर 60 प्रतिशत से अधिक हो। योजना के परिणामों का विश्लेषण करने के बाद सभी कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत आवश्यकतानुसार योजना का विस्तार किया जाएगा।
गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा इस योजना के संबंध में प्रस्ताव दिया गया था जिसे राज्य शासन द्वारा स्वीकृत कर पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।
योजना एक नजर में
योजना का स्वरूप:- कंपनी क्षेत्रांतर्गत कतिपय स्थानों की सामाजिक पृष्ठभूमि एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए सामान्य एन्फोर्स्मेन्ट/विजिलेन्स के अतिरिक्त विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता प्रतीत हुई है। अतः व्यापक स्तर पर सामुदयिक व्यवहार परिवर्तन के लिये इन चिन्हित स्थानों में स्थानीय व्यक्तियों को ‘‘विद्युत प्रहरी’’ नियुक्त करने के लिये निर्णय लिया गया है। विद्युत प्रहरी सामुदायिक दबाव बनाकर एवं स्थानीय स्तर पर सामुदायिक सजगता के माध्यम से विद्युत हानि में कमी एवं नकद राजस्व संग्रहण में वृद्धि करेंगे। इन गतिविधियों से कंपनी को होने वाली अतिरिक्त बचत का एक अंश विद्युत प्रहरी के साथ साझा किया जाएगा।
विद्युत प्रहरी के चयन के लिये प्रक्रिया
विद्युत प्रहरी के लिये व्यक्ति/व्यक्तियों के समूह/स्व-सहायता समूह (एंजेसी) के चयन के लिये चिन्हित फीडर/डीटीआर समूह के लिये उन जिलों के निवासी से आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे। आवेदन पत्र के साथ एजेंसी को 5000 रूपये की वापसी योग्य ईएमडी भी जमा करनी होगी। एजेंसी का चयन निर्धारित स्थान एवं समय पर सार्वजनिक रूप से पारदर्शी लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। चयनित एजेंसी को 15 दिवस के भीतर बेसलाइन वर्ष के औसत मासिक नकद राजस्व संग्रहण के 25 प्रतिशत (यदि एजेंसी फीडर स्तर पर काम कर रही है)/50 प्रतिशत (यदि एजेंसी डीटीआर समूह स्तर पर काम कर रही है) की राशि सुरक्षा निधि के रूप में जमा करनी होगी।
विद्युत प्रहरी के दायित्व
विद्युत प्रहरी का मूल दायित्व चिन्हित फीडर/डीटीआर समूह के क्षेत्र में विद्युत चोरी को रोकना एवं नकद राजस्व संग्रहण में वृद्धि करना है। साथ ही अवैध विद्युत कनेक्शन/ हुकिंग को विच्छेदित करना। विद्युत बिल राशि न चुकाने वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन विच्छेदित करना। उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर से टैंपरिंग रोकना। प्रत्येक उपभोक्ता से चालू माह एवं पूर्व बकाये की राशि का संग्रहण करना। बिल राशि का संग्रहण एजेंसी कंपनी द्वारा प्रदाय पीओएस मशीन/निष्ठा एप के माध्यम से करते हुए उपभोक्ता को मशीन सृजित पावती प्रदान की जाएगी। विद्युत कनेक्शन विच्छेदन/रीकनेक्शन के लिये एजेंसी को स्वयं के व्यय से विद्युत लाइन पर कार्य करने के लिये कर्मचारी का ओवरहेड सर्टिफिकेशन प्राप्त कर नियोजन करना होगा।
वितरण कंपनी का दायित्व
उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित मीटरों की रीडिंग लेकर प्रतिमाह बिल प्रदान करना। नए सर्विस कनेक्शन प्रदान करना। एजेंसी के अधिकृत कर्मचारियों को लाइन पर कार्य करने के लिये नियमानुसार परमिट प्रदान करना। एजेंसी के अनुरोध अनुसार विधि अनुरूप विजिलेन्स केस तैयार करना। एजेंसी को नकद राजस्व संग्रहण के लिये पॉस मशीन (मशीन की सुरक्षा निधि जमा करने के उपरांत) एवं सॉफ्टवेयर उपलब्ध करना। संधारण एवं एफओसी काल के लिये समस्त कार्यवाही करना।
एजेंसी को देय राशि की गणना के लिये प्रक्रिया
एजेंसी को उसके द्वारा किए गए कार्य के लिये एक तय पारिश्रमिक न देते हुए एजेंसी के कार्यों के परिणाम स्वरूप कंपनी को हुई बचत का एक अंश दिया जाएगा। चिन्हित फीडर/ डीटीआर समूह में विद्युत आपूर्ति ट्रैगेटरी के अनुसार इनपुट कमी लक्ष्य के पश्चात हुई अतिरिक्त कमी के कारण हुई बचत का 40 प्रतिशत अंश एजेंसी को देय होगा। चिन्हित फीडर/ डीटीआर समूह में नकद संग्रहण ट्रैगेटरी के अनुसार नकद संग्रहण लक्ष्य में वृद्धि के पश्चात हुए अतिरिक्त नकद संग्रहण का 40 प्रतिशत अंश एजेंसी का देय होगा। किसी भी माह में नकद संग्रहण लक्ष्य के कमी को अगले माह के नकद संग्रहण लक्ष्य में जोड़ा जाएगा।
विद्युत प्रहरी को इस योजना के अंतर्गत अनुबंध किए जाने पर विद्युत वितरण कंपनी के किसी भी स्थाई/अस्थाई या संविदा या अन्य पदों पर लाभ पाने का कोई अधिकार या छूट की पात्रता या प्राथमिकता प्राप्त नहीं होगी।