बाढ़ प्रभावितों की सहायता के लिए जी जान से काम करें, राहत शिविरों के अलावा प्रभावित बस्तियों में भी भोजन, स्वच्छ पेयजल आदि की व्यवस्था करें,
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने देर रात बाढ़ राहत के संबंध में बैठक में ली
गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल@भोपाल रविकांत उपाध्याय/
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बाढ़ से प्रदेश के कई क्षेत्रों में भयानक तबाही हुई है। पिछले 70 सालों में ऐसी स्थिति नहीं देखी। श्योपुर शहर में 20-20 फिट पानी है। रतनगढ़ वाली माता पुल तथा सनकुआ पुल के ऊपर पानी जा रहा है। बड़ी संख्या में घर गिरे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कभी कभी ऐसा मौका आता है जब जी जान से काम करने की आवश्यकता होती है। इस समय वह मौका है। अपनी पूरी ताकत से सामाजिक संगठनों तथा सभी का पूरा सहयोग लेते हुए बाढ़ प्रभावितों के लिए कार्य करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राहत शिविरों के अलावा बाढ़ प्रभावित बस्तियों में भी भोजन स्वच्छ जल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। टूटे मकानों की मरम्मत, बिजली की आपूर्ति बहाल करना, टूटे फूलों को दुरुस्त कराना, संचार व्यवस्था को बहाल करना आदि कार्य युद्ध स्तर पर किए जाए।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ग्वालियर संभाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के उपरांत भोपाल लौटकर निवास पर देर रात वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह श्री राजेश राजौरा, डीजीपी होमगार्ड, प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी, जनसंपर्क आयुक्त श्री सुदाम खाडे आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ये निर्देश दिए
• बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
• प्रभावित व्यक्तियों को भोजन व शुद्ध जल उपलब्ध कराएं।
• यह सुनिश्चित करें कि प्रभावित क्षेत्रों में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप ना हो।
• जिन व्यक्तियों के घर नष्ट हो गए हैं उन्हें आश्रय स्थल उपलब्ध कराएं, साथ ही घरों की मरम्मत में मदद की जाए।
• विद्युत आपूर्ति पुनः स्थापित की जाए।
• टूटे गए पुलों की मरम्मत की जाए तथा वैकल्पिक रास्ते तैयार किए जाएं।
• संचार सुविधा पुनर्स्थापित की जाएं।
• आवास,फसल और पशुओं की हानि का तुरंत सर्वे किया जाए।
• बाढ़ राहत राशि प्राप्त करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करें।
8 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के कुल 1225 ग्राम प्रभावित हैं। अब तक श्योपुर जिले के 32 गाँवों से 1500 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इसी प्रकार शिवपुरी के 90 गाँवों से 2000 और दतिया, ग्वालियर, मुरैना, भिंड के 240 गाँवों से एसडीईआरएफ, एनडीईआरएफ, आर्मी तथा बीएसएफ ने मिलकर लगभग 5,950 लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की है। अभी तक की जानकारी के अनुसार 1950 लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं। खराब मौसम के कारण कल एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर को बचाव कार्य में कठिनाई आ रही थी। आज फिर हेलीकॉप्टरों ने बचाव कार्य शुरू किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान स्मार्ट पार्क में मीडिया के प्रतिनिधियों से प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में जारी अति वृष्टि और बाढ़ की स्थिति के संबंध में बातचीत कर रहे थे।
श्योपुर जिले में संचार व्यवस्था ठप्प
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिवपुरी और श्योपुर में कल तक ही लगभग 800 मिली मीटर बारिश हो चुकी है। यह अप्रत्याशित स्थिति है। श्योपुर जिले में संचार व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है। दूर संचार मंत्रालय से बात कर व्यवस्थाएँ पुन: स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। गुना-शिवपुरी के बीच रेल सेवा बंद है। अधोसंरचना को बहुत नुकसान पहुँचा है, पर राहत की बात यह है कि बचाव कार्य निरंतर जारी है। प्रभावितों की जिन्दगी बचाने में हमें सफलता मिली है।
जिला प्रशासन के साथ एनडीईआरएफ, एसडीईआरएफ और सेना सक्रिय
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एनडीईआरएफ की 3 टीमें पहले से बचाव कार्य में लगी थीं, दो टीमें और आ रही हैं। आर्मी के चार कॉलम और एसडीईआरएफ की 70 से अधिक टीमें जिला प्रशासन के साथ बचाव कार्य में लगी हुई हैं। अब तक एयरफोर्स के चार हेलीकॉप्टर ग्वालियर में और एक शिवपुरी में बचाव कार्य में लगा हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दी जिलेवार जानकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब वर्षा कम होने से पार्वती नदी का जल स्तर कम होना आरंभ हुआ है। ग्वालियर में 46 गाँव प्रभावित हैं, 17 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं और तीन हजार लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। दतिया में सेना पहुँच गई है। जिले के 36 गाँव प्रभावित हैं, 18 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं, लगभग 1100 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। यहाँ मंदिर में फंसे पुजारी को मोटर वोट भेज कर बचा लिया गया है। सभी मुख्य मार्ग बंद हैं। एनएच-3 भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है। रतनगढ़ का पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। शिवपुरी में 22 गाँव प्रभावित हुए हैं। बचाव कार्य जारी है, 801 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। श्योपुर में ज्वालापुर, खेरावत, मेवाड़ा और जाटखेड़ा गाँव पूरी तरह से पानी से घिरे हुए थे। यहाँ जल स्तर घट रहा है। सेना गाँवों तक पहुँचने की कोशिश कर रही है। पानी अधिक होने और पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण सेना को रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ना पड़ रहा है। लेकिन लोग सुरक्षित हैं। जल स्तर घट रहा है। जीवन को खतरा नहीं है।
चंबल नदी में पानी बढ़ने से भिंड और मुरैना में सर्तकता जरूरी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि चंबल नदी में लगातार पानी बढ़ रहा है। कोटा बैराज से छोड़े गये पानी से भी जल स्तर और बढ़ेगा। भिंड और मुरैना जिले के लिये यह चिंता का विषय है। इन जिलों के निचले इलाकों में बसे गाँवों को खाली कराने का काम लगातार जारी है। भिंड में 800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। मुरैना में सावधानी के तौर पर गाँव खाली कराये जा रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। सिंध नदी में भी लगातार पानी बढ़ रहा है।
राहत कैंप और भोजन व्यवस्था के लिए कार्य जारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राहत के लिए कैंप और भोजन व्यवस्था की जा रही है। मैं निरंतर केंद्र सरकार के संपर्क में हूँ। प्रधानमंत्री श्री मोदी से आज भी फोन पर चर्चा हुई है। उन्हें स्थिति से अवगत कराया गया है। गृह मंत्री श्री अमित शाह से भी चर्चा हुई है। केंद्र के सहयोग से ही लोगों को एयर लिफ्ट करने की व्यवस्था बन पाई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के सहयोग के कारण ही सेना को भी तत्काल बुलाना संभव हो पाया। बचाव और राहत का हर संभव प्रयास जारी है।
सभी लोगों को सुरक्षित निकालेंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम सभी लोगों को सुरक्षित निकालेंगे और राहत तथा व्यवस्था बनाने का कार्य जारी रहेगा। जनता की सेवा के कार्यों का बेहतर संचालन सुनिश्चित किया जायेगा।