राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि समाज पुस्तकों के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए आगे आएं। शुभकामनाओं के रूप में पुस्तक भेंट की जानी चाहिए। पुस्तक पढ़ने के सामूहिक आयोजन किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को घर-घर में मोबाइल के साथ किताबें भी हो, इस दिशा में प्रयास करना होगा।
श्री पटेल आज मिन्टो हॉल में उत्थान फाउंडेशन द्वारा आयोजित नर्चरिंग लिटरेरी टैलेंट इन चिल्ड्रन एंड यूथ फॉर इंडिया कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल को अंग्रेजी की कविताओं के संग्रह एमिड्स्ट द डाउनपो की लेखिका बालिका अरायना सक्सेना ने कार्यक्रम में अपनी पुस्तक की प्रति भेंट की।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आज का दौर टेक्नोलॉजी का दौर है। बच्चें, युवा सभी आभासी दुनिया में खोए रहते है। उनका साहित्य के प्रति रुझान कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि साहित्य से समाज में संस्कार आते है। समाज को चिंतन करना होगा कि टेक्नोलॉजी का सही मायने में उपयोग हो। उन्होंने बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने राज्य में पढ़े गुजरात कार्यक्रम के द्वारा पुस्तकें पढ़ने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया था।
मंत्री, चिकित्सा शिक्षा विश्वास सारंग ने कहा कि साहित्य के अध्ययन से समाज में आत्मवलोकन और भविष्य की मान्यताएं प्राप्त होती है। भावी पीढ़ी के निर्माण का दायित्व परिवार, स्कूल और समाज का है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के प्रवाह में कई ऐसी विधाएं जो बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए जरूरी है। छूट रही है। उन्होंने पुस्तक रचेयता बालिका अरायना सक्सेना को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में राज्यपाल श्री पटेल ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन से किया। राज्यपाल का स्वागत शॉल, श्रीफल से हुआ। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव और सुश्री शेफाली पान्डे ने अपने विचार व्यक्त किये। स्वागत उद्बोधन राधारमन सक्सेना ने दिया। आभार प्रदर्शन श्रीमती अरूणा सक्सेना ने किया।