Bhopal स्वामित्व योजना का जिलों में विस्तार करें : मुख्यमंत्री 

4971 ग्रामों में अधिकार अभिलेख प्रकाशन का कार्य पूर्ण
आवासीय अधिकार योजना में होंगे कार्यक्रम
ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में आगे है मध्यप्रदेश
सायबर तहसील सृजन में मध्यप्रदेश प्रथम
सीमांकन कार्य केलिए जिलों में बने 90 कोर्स स्टेशन
गवर्नमेंट प्रेस भोपाल का आधुनिकीकरण
पीएम किसान सम्मान निधि से किसानों को मिले 4569 करोड़
राजस्व आम जनता से जुड़ा विभाग, सुधार और सुशासन के प्रयास जारी रखें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा

गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ भोपाल मध्यप्रदेश रमाकांत उपाध्याय/ 9893909059

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भूमि संबंधी रिकार्ड के डिजिटाइजेशन के कार्य में प्रदेश में सराहनीय कार्य हुआ है। भारत सरकार द्वारा स्वामित्व योजना में मध्यप्रदेश को सभी राज्यों में बेहतर माना गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हरदा में हुए कार्य की प्रशंसा की थी। मध्यप्रदेश ड्रोन तकनीक के उपयोग में भी आगे बढ़ रहा है। निरंतर ड्रोन तकनीक का विस्तार करते हुए वर्षांत तक 60 ड्रोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। ड्रोन फ्लाइंग के लिए 50 हजार ग्रामों का लक्ष्य और अधिकार अभिलेख निर्माण के लिए 42 हजार ग्रामों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वामित्व योजना का विस्तार कर प्रदेश के सभी जिलों को लाभान्वित किया जाए। गत माह वाराणसी कॉन्क्लेव में भी मध्यप्रदेश की इस उपलब्धि की चर्चा हुई थी। विभाग के अन्य सकारात्मक कार्यों से भी नागरिकों को अवगत करवाने की ठोस पहल की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में राजस्व विभाग की गतिविधियों की समीक्षा का रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजस्व विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी और विभिन्न उपयोगी पोर्टल के अधिकाधिक उपयोग के निर्देश दिए। बैठक में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मुख्य सचिव  इकबाल सिंह बैंस तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

स्वामित्व योजना में सबसे आगे मध्यप्रदेश

स्वामित्व योजना में प्रदेश में 4971 ग्रामों में अधिकार अभिलेख प्रकाशन का कार्य पूरा हो गया है। प्रदेश में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर 8 हजार 331 नक्शे तैयार किए गए। प्रदेश में ड्रोन फ्लाइंग ग्रामों की संख्या इस समय 13 हजार 765 है। संशोधन के उपरांत 6 हजार 307 नक्शों को अंतिम रूप दिया गया। प्रदेश के 3500 ग्रामों के 2.71 लाख अधिकार अभिलेख समारोहपूर्वक वितरित किए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 06 अक्टूबर 2021 को वर्चुअली प्रदेश के हितग्राहियों को इनका वितरण किया था। मध्यप्रदेश को भारत सरकार द्वारा 11 में से 11 अंक प्रदान कर सबसे आगे माना गया है। इस कार्य में मिजोरम, हरियाणा, सिक्किम, दमन दीव, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक 8 से 10 अंक प्राप्त करने वाले राज्यों में शामिल हैं।

आमजन को नियमित रूप से उपलब्ध हों पटवारी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रामों में राजस्व विभाग की पहचान पटवारी से है। यदि पटवारी सप्ताह में कम से कम दो दिन आमजन को उपलब्ध रहे तो यह आम जनता को बड़ी राहत होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विभागीय कार्यों में जो कर्तव्य पालन में श्रेष्ठ हैं उन्हें पुरस्कृत करें, साथ ही लापरवाह कर्मचारी को दंडित करने में भी पीछे न रहें। राजस्व विभाग में ईज ऑफ डूइंग को बढ़ाया जाए। मध्यप्रदेश में 8500 पटवारियों को लेपटॉप के लिए राशि प्रदान की गई है।

फसल क्षति के आकलन के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के पश्चात यह बहुत आवश्यक है कि वास्तविक प्रभावित व्यक्तियों को राहत राशि मिले। इसके लिए यह जरूरी है कि क्षति का आकलन सही-सही हो। इस दिशा में वैज्ञानिक उपायों पर अमल किया जाए। वर्तमान में क्षति के आकलन का जो तरीका है, उसमें कुछ दोष हो सकते हैं। इन दोषों को दूर करते हुए नवीन तकनीक और नवीन विधियों का उपयोग कर एक मॉडल विकसित किया जाए। कृषि और राजस्व विभाग समन्वय कर इस कार्य को पूरा करें।

आवासीय भू-अधिकार योजना के अंतर्गत होंगे कार्यक्रम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में पात्र लोगों को भूमि देने का कार्य किया जाए। प्रदेश में वर्तमान में योजना के अंतर्गत एक लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि यह व्यापक हित में लागू की गई योजना है।

नवाचारों को जानेगी आम जनता

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजस्व कार्यों से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि आम जनता को ऐसे महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी विभिन्न प्रचार माध्यमों से प्रदान की जाए। विभागीय नवाचारों से आमजन को अवगत करवाने के लिए जिला और तहसील स्तर पर कार्यशालाएँ हों। भू-अर्जन के प्रकरणों का ऑनलाइन निपटारा करने के लिए मॉड्यूल निर्माण की पहल की गई है। इसके अंतर्गत इसी माह मॉड्यूल का उपयोग प्रारंभ हो रहा है।

मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना और धारणाधिकार

प्रदेश में 28 अक्टूबर 2021 से लागू मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में आबादी स्थल पर पात्र परिवारों को आवासीय भूखण्ड उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है। प्रदेश में योजना में दो माह में 78 हजार 656 आवेदन मिले हैं। पात्र परिवारों को आवासीय भूखण्ड का वितरण किया जाएगा। कलेक्टर आवश्यकतानुसार नवीन आबादी क्षेत्र घोषित कर सकेंगे। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 31 दिसम्बर 2014 के पहले शासकीय भूमि पर कब्जा कर बनाए गए मकानों और दुकानों का पट्टा प्रदाय करने का कार्य किया जा रहा है। योजना में दर्ज प्रकरणों में से 11 हजार 906 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। लोक सेवा केन्द्र, एमपी ऑनलाइन के माध्यम से अथवा आवेदक द्वारा स्वयं “रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल” के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।