समाज में विशेष रूप से युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को रोकने एवं इसकी बुराईयों से उन्हें अवगत कराना हमारा दायित्व भी है और कर्त्तव्य भी। आयुक्त सामाजिक न्याय ई. रमेश कुमार ने गांधी जयंति के अवसर पर आयोजित मद्य निषेध सप्ताह के प्रथम दिन आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नशा एक जिले या प्रदेश की नहीं, देश दुनिया की समस्या है।
राज्य स्तरीय मद्य निषेध सप्ताह 2 से 8 अक्टूबर तक आयोजित किया गया है। मद्य निषेध की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए सामाजिक न्याय विभाग द्वारा वर्ष भर इस दिशा में प्रयास किया जाते हैं। 31 मई अंतरराष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस, 26 जून को अंतराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस एवं गांधी जयंती के अवसर पर 2 से 8 अक्टूबर तक मद्य निषेध सप्ताह तथा 30 जनवरी को गांधी जी की पूण्यतिथि को मद्य निषेध संकल्प दिवस के रूप में आयोजित कर नशामुक्त वातावरण बनाने के प्रयास किये जाते हैं।
नशे की कहानी शरद के चित्रों की जुबानी
नशे से होने वाली बीमारियों, बुराईयों एवं नशे में गिरफत लोगों की जिंदगी को सामाजिक न्याय के छायाकार शरद श्रीवास्तव ने बहुत ही क्रमबद्ध तरीके से कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी के माध्यम से अभिव्यक्त करने का प्रयास किया। कार्यक्रम में प्रदर्शनी का अवलोकन कर आयुक्त ने उपस्थित जन-समुदाय को नशे से दूर रहने के लिए शपथ दिलाई।
नशा मुक्ति केंद्रों के लिए 90 प्रतिशत अनुदान
नशे से समाज को दूर रखने एवं नशा मुक्ति के लिए निजी संस्थओं को नशा मुक्ति केंद्र संचालन के लिए भारत सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। मद्य निषेध सप्ताह के अंतर्गत नशे से दूर रखने के लिए वर्चुअली व्याख्यान, जन-जागृति के लिए रैली, नुक्कड़ नाटकों, नशा मुक्ति के लिए प्रतियोगिताएं एवं प्रश्न मंच का आयोजन किया जाएगा। ग्राम एवं नगरीय स्तर पर सोशल मीडिया के माध्यम से नशा मुक्ति के संदशें एवं लघु फिल्मों का प्रदर्शन,स्व सहायता समूह, शौर्य दलों द्वारा अभियान, ग्राम एवं शहर स्तर पर स्थानीय वालेंटियर एवं पोस्टर प्रदर्शनी लगाई जाकर नशे के प्रति लोगों को सचेत कराया जाएगा। स्कूल कॉलेजों में जन-जागृति अभियान, स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से नशा पीडितों के उपचार एवं चेतना के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
कार्यक्रम में यूएनडीपी के तरूण एवं नशे से मुक्त राजीव तिवारी ने अपने उदगार व्यक्त किये एवं अनुभव साझा किये।