फर्नीचर एवं खिलौनों संबंधित उत्पादों की विनिर्माण इकाइयों के लिये विशिष्ट वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक
गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ भोपाल मध्यप्रदेश रविकांत उपाध्याय / 8085883358
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक आज मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद ने 23वीं एवं 25वीं वाहिनी विसबल भोपाल परिसर में 50 बेड का सर्व-सुविधायुक्त पुलिस चिकित्सालय बनाये जाने के लिए 12 करोड़ 51 लाख 81 हजार रूपये और चिकित्सालय के लिये 46 मानव संसाधन के पदों के सृजन एवं उस पर 5 वर्षों में होने वाले व्यय 24 करोड़ 98 लाख 41 हजार रूपये की कार्य-योजना को स्वीकृति प्रदान की। इसमें पुलिस चिकित्सालय भवन निर्माण एवं फर्नीचर की लागत 10 करोड़ 41 लाख 31 हजार रूपये तथा चिकित्सालय के मेडिकल उपकरणों के क्रय के लिए 2 करोड़ 10 लाख 50 हजार रूपये शामिल हैं।
लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का अनुसमर्थन
मंत्रि-परिषद द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना को विस्तारित स्वरूप में संचालित करने के लिये लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 के संबंध में महिला-बाल विकास विभाग के आदेश का अनुसमर्थन किया। इसमें लाड़ली लक्ष्मी दिवस उत्सव के रूप में राज्य, जिला एवं ग्राम पंचायत स्तर पर प्रतिवर्ष 2 मई को आयोजन किये जाने, ग्राम पंचायतों को जिला स्तर से लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करना और लाड़ली बालिकाओं को कक्षा 12वीं के बाद स्नातक अथवा व्यवसायिक पाठ्यक्रम में (पाठयक्रम अवधि न्यूनतम दो वर्ष) प्रवेश लेने पर 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दिया जाना प्रस्तावित है। यह राशि दो समान किश्त में पाठ्यक्रम अवधि के प्रथम एवं अंतिम वर्ष में दी जायेगी। साथ ही लाड़ली बालिकाओं को उच्च शिक्षा (स्नातक तक) का शिक्षण शुल्क शासन द्वारा वहन करना और लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 की गतिविधियों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए पोर्टल का निर्माण एवं उन्नयन किया जाना शामिल हैं। योजना में 42 लाख 16 हजार 785 पंजीयन हुए हैं। इसमें 9 लाख 5 हजार 532 छात्रवृत्ति प्राप्त लाड़ली हैं। इस वर्ष 1330 लाड़ली स्नातक प्रवेश के लिये पात्र हो रही हैं।
फर्नीचर एवं खिलौना विनिर्माण इकाइयों के लिये विशिष्ट वित्तीय सहायता
मंत्रि-परिषद द्वारा एमएसएमई विकास नीति-2021 के अनुक्रम में फर्नीचर, खिलौनों एवं उनसे संबंधित मूल्य श्रंखला के उत्पादों की विनिर्माण इकाइयों के लिये विशिष्ट वित्तीय सहायता प्रदाय करने का निर्णय लिया गया हैं। इसमें उद्योग विकास अनुदान, ब्याज अनुदान, विद्युत शुल्क में छूट, विद्युत टैरिफ में सहायता, स्टाम्प डयूटी एवं पंजीयन शुल्क की प्रतिपूर्ति, रोजगार सृजन अनुदान, निर्यात सहायता आदि प्रदान की जायेगी। प्रदेश के समावेशी विकास, रोजगार के अवसर निर्मित करने और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसमें प्लांट, मशीनरी, भवन आदि स्थिर संपत्तियों पर उद्योग विकास अनुदान अधिकतम 40 प्रतिशत देय होगा। बैंक/वित्तीय संस्थाओं से लिए गए टर्म लोन पर 5 प्रतिशत की दर से 5 साल के लिए अधिकतम 2 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान दिया जाएगा। सभी पात्र नवीन इकाइयों को उच्च दाब विद्युत संयोजन दिनांक से 5 साल के लिए 100 प्रतिशत विद्युत शुल्क में छूट दी जाएगी। उच्च दाब विद्युत उपभोक्ताओं को नवीन कनेक्शन पर कामर्शियल उत्पादन दिनांक से 5 साल के लिए 1 रूपए प्रति यूनिट की सहायता मिलेगी। भूमि/बैंक ऋण दस्तावेजों पर चुकाये गये पंजीयन शुल्क एवं स्टाम्प डयूटी पर 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति दी जाएगी। अधिकृत संस्थानों से अधिकतम 4 गुणवत्ता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने पर 25 प्रतिशत लागत प्रतिपूर्ति अधिकतम 10 लाख रूपए तक दी जाएगी। इस तरह एक प्रमाण-पत्र पर अधिकतम ढाई लाख रूपए की सहायता दी जाएगी।
भण्डार क्रय नियमों से छूट
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/ निकाह योजना में वधू को प्रदाय की जाने वाली सामग्री क्रय किये जाने के लिये मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के प्रावधानों को शिथिल करने का अनुसमर्थन किया। टेण्डर ऑनलाईन के स्थान पर ऑफलाईन मंगाये जायेंगे। टेण्डर का प्रकाशन राज्य स्तर के 2 समाचार-पत्र में किया जाना अनिवार्य होगा। टेण्डर की न्यूनतम अवधि 7 दिवस होगी। भण्डार क्रय नियमों में यह शिथिलता केवल मई 2022 से 31 जुलाई 2022 तक होने वाले आयोजनों के लिए ही होगी। इस अवधि के बाद 1 अगस्त 2022 या उसके बाद होने वाले विवाह कार्यक्रमों में भण्डार क्रय नियमों में वर्तमान प्रावधानों का पालन अनिवार्य होगा।
इंदौर प्रेस क्लब के किराये का पुनर्निर्धारण
मंत्रि-परिषद की गत 3 अप्रैल 2018 को हुई बैठक में इंदौर प्रेस क्लब के भवन का किराया बाजार मूल्य (किराया) का 10% निर्धारित किये जाने का निर्णय लिया गया था। मंत्रि-परिषद द्वारा किराये का पुनः निर्धारण किया जाकर इंदौर प्रेस क्लब का किराया अनुबंध दिनांक से 10 हजार रूपये प्रतिमाह लिये जाने का निर्णय लिया गया।