प्रदेश के राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा ‘ए’ एवं ‘ए+’ ग्रेड प्राप्त महाविद्यालयों में आगामी सत्र से 15 सर्वाधिक रोजगार मूलक पाठ्यक्रमों को प्रारंभ किया जायेगा। साथ ही स्थानीय उद्योगों की आवश्यकतानुसार वोकेशनल पाठ्यक्रम भी तैयार किये जायेंगे। यह बात उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को विभागीय गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कही।
डॉ. यादव ने कहा कि नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति में युवाओं को परम्परागत विषयों के अतिरिक्त अन्य रुचिकर विषयों का चयन करने की स्वतंत्रता दी गई है। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये सतत कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भोज विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित दूरस्थ अध्ययन केन्द्रों में भी उद्योग एवं पर्यटन जैसे विषयों को जोड़ा जायेगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्रों को उद्योग और पर्यटन क्षेत्र की मांग के अनुरूप तैयार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि छात्र हित में रोजगार मूलक कोर्स आज की जरूरत है। महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मूलक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराये जायेंगे, जिससे उन्हें बेहतर जॉब प्लेसमेंट मिल सके और वे तकनीकी रूप से भी दक्ष हो सकें।
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि 17 नवीन महाविद्यालय, 56 नवीन संकाय तथा 11 महाविद्यलयों में नवीन स्नातकोत्तर विषय प्रारंभ किये जाने संबंधी प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है। साथ ही प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक बहुसंकायी महाविद्यालय स्थापित किये जाने के लिये विस्तृत परियोजना तैयार की जा रही है।
आयुक्त उच्च शिक्षा श्रीमती सोनाली वायंगणकर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।