धनवंतरी पूजन एवं आयुर्वेद चिकित्सकों का किया सम्मान, आयुर्वेद की दो पुस्तकों का हुआ विमोचन
हमें अपनी आयुर्वेद ज्ञान की विरासत को सहेज कर रखने के साथ ही बेहतर तरीके से आमजन के बीच पहुँचाना है। वर्तमान समय में लोग गूगल के आदी होते जा रहे हैं। गूगल से मात्र जानकारी प्राप्त हो सकती है, ज्ञान नहीं। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भाई उद्धवदास मेहता स्मृति न्यास के रजत जयंती वर्ष में आयोजित राज्य-स्तरीय धनवंतरी जयंती समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने समारोह में आयुर्वेद चिकित्सकों को सम्मानित किया। समारोह में आयुर्वेद पर लिखी गई पुस्तकें अभिनव और सुषेण पर्व का विमोचन किया गया।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने धनवंतरी पूजन के पश्चात संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में आयुर्वेद की समृद्ध परम्परा रही है। कोरोना की विपत्ति के समय सर्वाधिक प्रभावित वे लोग हुए हैं, जिन्होंने प्रकृति प्रदत्त संसाधनों से दूरी बना ली थी। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का असर शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा कमतर देखा गया। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि हमें अपने आयुर्वेद के ज्ञान को और अधिक परिष्कृत कर आमजन तक बेहतर तरीके से पहुँचाना है। हम सभी जानते हैं कि हर वनस्पति एक औषधि है। हमारे खानपान में शामिल सभी मसाले औषधियों का ही कार्य करते हैं। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि आयुर्वेद से बगैर किसी साइड इफेक्ट के बेहतर और गारन्टेड उपचार किया जा सकता है। आयुर्वेद के ज्ञान को नये कलेवर में आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी आयुर्वेद के युवा चिकित्सकों की है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने सम्मानित होने वाले चिकित्सकों, उपस्थित युवा चिकित्सकों और आयुर्वेद के विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएँ दीं।
विश्व आयुर्वेद परिषद, मध्यप्रदेश और भाई उद्धवदास मेहता स्मृति न्यास द्वारा आयोजित राज्य-स्तरीय समारोह में न्यास के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, कार्यक्रम संयोजक गोविंद दास मेहता, पं. खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य उमेश शुक्ला एवं अन्य वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक उपस्थित थे।