विचारों के परिवर्तन के लिए जरूरी है सद्साहित्य का स्वाध्याय, अच्छी पुस्तकें ज्ञान का भंडार होती है- समाजसेवी कांति भाई शाह
गायत्री प्रज्ञापीठ पर पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ व संस्कार सम्पन्न, विश्व शांति व मंगल के लिए यज्ञ में दी आहुतियाँ, कन्याभोज व भंडारा आयोजित,
महापूर्णाहुति के साथ हुआ गायत्री जप महानुष्ठान का समापन
गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ गंजबासौदा मध्यप्रदेश रमाकांत उपाध्याय / 9893909059
मानव कल्याण के लिए गायत्री परिवार द्वारा जागरूकता के साथ अभियान चलाया जा रहा है। यह सराहनीय कार्य है। सबसे अधिक जरूरी ज्ञानदान होता है, ज्ञान के लिए अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय अनिवार्य करना चाहिए। नई पीढ़ी को हम पुस्तको के माध्यम से ही हमारे प्राचीन ज्ञान व संस्कार को वास्तविक रूप में दे सकते हैं। दूषित विचारों को बदलने के लिए अच्छे विचार जरूरी है जो हमे साहित्य के माध्यम से ही मिल सकते हैं।यह बात गायत्री प्रज्ञापीठ पर वरिष्ठ समाजसेवी व नागरिक सेवा समिति के अध्यक्ष कांतिभाई शाह ने आचार्य श्रीराम साहित्य विस्तार व पूजन सामग्री विक्रय केंद्र के शुभारंभ अवसर पर कही।
उन्होंने विधि विधान से पूजन अर्चन कर साहित्य केंद्र का शुभारंभ करबाते हुए अच्छी पुस्तकों के संग्रह के लिए अपनी तरफ से ढाई हजार रुपये की राशि भी दान की।
प्रज्ञापीठ के मुख्यट्रस्टी श्यामसुंदर माथुर ने बताया कि साहित्य विक्रय केंद्र के साथ ही स्वाध्याय केंद्र संचालित हैं जहां आचार्य श्रीराम शर्मा जी द्वारा लिखित सैकड़ो पुस्तकें पढ़ने के लिए निःशुल्क उपलव्ध हैं। यदि घर लेजाकर पढ़ने की सुविधा भी दी जाएगी। ज्ञान का प्रचार के लिए स्वाध्याय जरूरी है।
उपमुख्य ट्रस्टी जयराम अहिरवार ने बताया कि मनुष्य में देवत्व का उदय व धरती पर स्वर्ग का अवतरण के प्रमुख उद्देश्य को लेकर कार्य कर रहे अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा सप्त आंदोलनों के माध्यम से क्रांति का मशाल जलाई जा रही है।
इस मौके पर ट्रस्टी महाराज सिंह दांगी, वरिष्ठ परिजन टीआर वर्मा, नेत्रपालसिंह तोमर, जगदम्बा प्रसाद श्रीवास्तव, एसएन आचार्य, गुलाबसिंह चंदेल, जगदीश विहारी माथुर, राकेश पांडे, गोविंद माथुर, प्रदीप श्रीवास्तव, मुकेश पांडे, दिनेश मिश्रा, राजकुमार साहू, गौतम उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में गायत्री परिजन मौजूद थे।
पंचकुंडीय महायज्ञ, कन्याभोज व भंडारा
नवरात्रि के समापन व श्रीराम नवमी के अवसर पर पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ। परिव्राजक बसंत पाण्डे ने परिजनों से विश्व मंगल कामना से आहुतियाँ प्रदान करबाई।
इस अवसर पर महा पूर्णाहुति कर अनुष्ठान का समापन भी किया गया। विशाल कन्याभोज व भंडारे में प्रसादी वितरित की गई। इस अवसर पर गायत्री परिजन व श्रद्धालु मौजूद थे।