गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ विदिशा मध्यप्रदेश रविकांत उपाध्याय / 8085883358
विदिशा नगर की जीवनदायिनी बेतवा नदी में काफी समय से जलकुम्भी छाई हुई थी। जिसे कलेक्टर उमाशंकर भार्गव की पहल पर हटाने के कार्य संपादित हुए है। बेतवा नदी को साफ स्वच्छ किया गया जिससे अब विदिशा के शहरवासियों को शुद्ध पेयजल मिलेगा।
बेतवा नदी के चरण तीर्थ घाट, महल घाट, रामघाट सहित अन्य स्थानों पर जलकुंभी, काई जमा हो गई थी। जिससे बेतवा नदी में पेयजल अशुद्ध होने के साथ-साथ दुर्गंध की समस्या भी उत्पन्न हो गई थी। जिससे निजात पाने के लिए कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव की पहल पर सिंचाई विभाग (डब्ल्यूआरडी), नगर पालिका और होमगार्ड की टीम की सहायता से इस समस्या को सुलझाया गया है।
कलेक्टर श्री भार्गव के निर्देशों पर कार्यवाही करते हुए विभिन्न विभागों की टीमों ने बेहतर कार्य करते हुए बेतवा नदी में जमा जलकुंभी को साफ किया। नगरपालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुधीर सिंह सहित होमगार्ड के जवानों ने स्वयं वोट में बैठकर नदी का जायजा लिया और वर्तमान स्थिति से अवगत हुए।
मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुधीर सिंह ने बताया कि हलाली डैम से 5 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया। उस पानी को फिल्टर प्लांट से आगे चरण तीर्थ से निकाला गया और पानी के बहाव में बेतवा नदी में जमा जलकुंभी आगे बहा दी गई। नदी की गंदगी निकलने पर आमजनों में काफी प्रसन्नता दिखाई दी।
बेतवा नदी को साफ स्वच्छ करने में डब्ल्यूआरडी के ईई इंजीनियर राजीव जैन, असिस्टेंट इंजीनियर पाराशर, मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुधीर सिंह, सहायक यंत्री बायएस भदौरिया, होमगार्ड के कमांडेंट डीआर वर्मा, एचडी पिल्लई सहित होमगार्ड के जवानों की सराहनीय भूमिका रही।
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने बेतवा नदी की विकराल समस्या के निराकरण हेतु उत्कृष्ट कार्य के लिए अधिकारी, कर्मचारियों सहित होमगार्ड के जवानों की सराहना की है।
मछलियों को मिलेगा जीवनदान-
बेतवा नदी में अचानक जलकुंभी फैल जाने से पानी में ऑक्सीजन की कमी होने लगी थी। जिससे नदी की मछलियां मरने लगी थी कई धार्मिक, सामाजिक सहित अन्य संगठनों ने कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव को इस समस्या से अवगत कराया था। कलेक्टर श्री भार्गव ने समस्या को संज्ञान में लेते हुए त्वरित कार्यवाही की और जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारियों को इस समस्या को सुलझाने हेतु निर्देशित किया और एक दिन में ही बेतवा नदी में जमा जलकुंभी साफ कर दी गई। जिससे अब नदी की मछलियों को भी जीवनदान मिलेगा।