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स्वर्गीय श्री नारायण सदाशिव पिंग ले सेवा संस्थान के तत्वाधान में सिरोंज चौराहा स्थित नौलखी धर्मशाला में विश्व हेपेटाइटिस दिवस एवं विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
समाजसेवी सुनील बाबू पिंगले ने बताया कि सर्वप्रथम 1992 में रियो डी जेनेरियो ब्राजील के पृथ्वी सम्मेलन में पहली बार प्रकृति संरक्षण का मुद्दा जोर-शोर से उठा और लगभग 38 लाख मोत दुनिया में हर साल वायु प्रदूषण से होती है 66 करोड लोग भारत में ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां वायु प्रदूषण राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रहता है। पंडित अरविंद अवस्थी ने कहा कि 20 से 35 करोड़ की आबादी दुनिया भर में 1 क्षेत्रों पर आश्रित है वन क्षेत्र घटने से इन पर संकट आ गया है इस अवसर पर डॉ अशोक रोहले ने कहा कि विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को लीवर सिरोसिस कैंसर आदि से बचाव के लिए जन जागरण अभियान चलाना नितांत आवश्यक है। उन्होंने विस्तार से हेपेटाइटिस बी के लक्षण बताएं । संगोष्ठी में अभिनय श्रीवास्तव एवं जगदीप सिंह राजपूत ने भी विश्व प्रकृति संरक्षण के बारे में बतलाते हुए कहा कि विलुप्त होते हुए जीव-जंतुओं वनस्पति के संरक्षण के लिए प्रदूषण की रोकथाम के लिए संकल्प का दिवस है ।यह इस वर्ष की टीम वन और आजीविका जन तथा ग्रह की रक्षा है कार्यक्रम का संचालन विजय अरोरा ने किया एवं आभार व्यक्त अशोक मानौरिया ने किया।