पोषण आहार स्वस्थ जीवन का आधार

विश्व पोषण सप्ताह पर इनरव्हील क्लब ऑफ गंजबासौदा द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम

गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल@गंजबासौदा रमाकांत उपाध्याय/

बुधवार इनरव्हील क्लब ऑफ गंजबासौदा के तत्वाधान में वर्ल्ड न्यूट्रिशन वीक के अवसर पर स्थानीय आचार्य श्री विद्या वैली हायर सेकेंडरी स्कूल में न्यूट्रिशन कैंप “पोषण आहार स्वस्थ जीवन का आधार” नामक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें विदिशा जिले के सुप्रसिद्ध डॉक्टर सुनील चौहान जी ने अपनी सेवाएं इनरव्हील क्लब को प्रदान की। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से की गई, तत्पश्चात छात्राओं ने अतिथियों को तिलक लगाया एवं क्लब सचिव अनीता जैन ने भूमिका रखी।

सेमिनार में डॉ चौहान ने बताया कि पोषण खाद्य पदार्थों के सेवन और उपयोग का विज्ञान है भोजन हमारे शरीर को ऊर्जा, प्रोटीन, आवश्यक वसा, विटामिन और खनिजों के साथ जीने, बढ़ने और ठीक से काम करने के लिए प्रदान करता है । इसलिए अच्छे स्वास्थ्य और सेहत के लिए संतुलित आहार जरूरी है। 

ऐसा कहा जाता है कि एक अस्वास्थ्यकर आहार से आहार संबंधी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, मानव शरीर को 7 प्रमुख प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है सभी पोषक तत्व ऊर्जा प्रदान नहीं करते हैं लेकिन फिर भी पानी और फाइबर की तरह महत्वपूर्ण हैं सूक्ष्म पोषक तत्व भी महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन कम मात्रा में आवश्यक होते हैं। क्लब कोषाध्यक्ष मिनाली ओसवाल ने बच्चों के साथ मिलकर डॉ. चौहान से कई रोचक एवं महत्वपूर्ण प्रश्न किए, जैसे कोविड काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाया जाए, बिना बाहरी सप्लीमेंट कि हम भोजन के माध्यम से ही कैसे स्वस्थ एवं निरोगी रह सकते हैं..?

 डॉ चौहान ने इन सभी प्रश्नों का उत्तर बहुत ही अच्छे से समझाया एवं कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर, हाइजीन, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु एवं उचित खानपान से संबंधित बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियां सभी के साथ साझा की।

कार्यक्रम में आभार स्कूल प्रिंसीपल बीएल जैन ने माना। कार्यक्रम में प्रमुख विमलेश माथुर, स्कूल डायरेक्टर प्रणय जैन, स्कूल प्रिंसिपल , स्कूल के समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

ज्ञात हो कि वर्ल्ड न्यूट्रिशन वीक यानी विश्व पोषण सप्ताह प्रतिवर्ष 1 सितंबर से 7 सितंबर तक मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है, जिसका विकास, उत्पादकता, आर्थिक विकास और अंततः राष्ट्रीय विकास पर प्रभाव पड़ता है।