विशेष आलेख : मोदी – योगी के सक्षम नेतृत्व पर मोहर लगाता उत्तरप्रदेश का भव्य जनादेश

पांच राज्यों के चुनावी परिणाम जनता के सामने आ रहे थे, पर जिस राज्य पर लोगों की सर्वाधिक निगाहें टिकी थी वह था “उत्तरप्रदेश” l दोपहर तक उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की बंपर जीत लगभग तय हो चुकी थी। इससे ठीक पांच साल पूर्व जब भाजपा की जीत हुई थी, तब एक सवाल हर तरफ था, आखिर देश की सियासत की दशा और दिशा मोड़ने वाली इस सरकार का मुख्यमंत्री कौन बनेगा। लगभग हफ्ते भर बाद नाम तय हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए गोरखपुर से बीजेपी के सांसद योगी आदित्यनाथ जी को उत्तरप्रदेश की कमान सौंपी दी गई। ठीक पांच साल बाद आज फिर भाजपा ने उसी तरह की प्रचंड जीत हासिल की है और इस जीत का पूरा श्रेय माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और योगी आदित्यनाथ जी के दमदार नेतृत्व को ही जाता है।

हर बार की तरह इस बार भी चुनाव में जहां सारे देश का विपक्ष एक ओर खड़ा था तो वहीं भाजपा दूसरी ओर, बात चाहे विपक्ष द्वारा झूठे नैरेटिव के खेल की हो या फिर मंचों से कभी ना पूरी हो सकने वाली अंतहीन झूठी घोषणाओं की, उनके द्वारा किये गए हर झूठे दांवे और वादे को जनता ने सिरे से नकार दिया और केवल भाजपा के जनहितैषी कार्यों पर मतदान किया।

एक तरफ जहां प्रियंका गांधी उत्तरप्रदेश में जिस मीडिया हाइप के साथ उतरी थी, तो लगा जैसे कांग्रेस ही दूसरी सबसे बड़ी पार्टी उभरकर आएगी l “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ” के नारे से लेकर कर्नाटक में चल रहे “हिजाब” विवाद तक हर मुद्दे को उन्होंने भुनाने का भरपूर प्रयास किया गया l पर दूसरी तरफ उत्तरप्रदेश की बहनों ने “लड़की हूँ पढ़ सकती हूँ” का नारा माना और उनकी मजहबी राजनीति को मात्र दो सीटों पर लाकर समेट दिया l दोहरे आचरण और मापदंड पर चलने वाली कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने पंजाब में जाकर उत्तरप्रदेश के लोगों को जो भला बुरा कहा था उसका परिणाम नतीजों में साफ इंगित हो रहा है।

उत्तरप्रदेश की जमीन पर घूमने के बाद एक बात स्पष्ट रूप से सामने थी, ” मजबूत होती कानून व्यवस्था और कम होता अपराध” जिसका कोई तोड़ किसी अन्य दल के पास नही था l एक मजबूत प्रशासनिक व्यवस्था और कारागार सरकारी योजनाओं का जमीनी मतदाता से सीधा जुड़ाव दिखा l समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुए अपराध और बढ़ते जुर्म आज भी लोगों के जहन में जीवंत थे l जातिवाद का सहारा लेकर चुनाव में कूदी समाजवादी पार्टी को ना केवल चुनाव में कुछ पार्टियां अंदरूनी समर्थन दे रही थी, बल्कि बाहर से भी केजरीवाल से लेकर ममता बैनर्जी तक जोर आजमाइश में लगे हुए थे, पर जनता के निर्णय के आगे इनकी सारी कसर धरी की धरी ही रह गई l

किसान आंदोलन पर नकारात्मक राजनीति, महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना प्रकोप के प्रबंधन जैसे तमाम मुद्दों और झूठे आंकड़े और जनता को बरगलाने वाले तमाम दलों को जनता ने आईना दिखा दिया l आज जनता केंद्र के नेतृत्व की प्रत्येक क्षमता को पहचानती है, जिसके चलते आज हम कोरोना जैसे महामारी से भी निजात के करीब है l बिना विदेशी सहायता के देश भर में हुए वैक्सीनशन प्रोग्राम इसके जीते जागते प्रमाण हैं, तो अफगानिस्तान या यूक्रेन से सकुशल लौटे भारतीय इस बात पर मोहर लगा रहे हैं l जिस पर जनता ने भी सरकार को हर मापदंड पर सराह कर प्रत्येक परीक्षा में पास कर दिया।

कानून व्यवस्था, अपराधियों पर अंकुश और केंद्र की लाभकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से जनता ने प्रत्येक राज्य के साथ उत्तरप्रदेश में भी साफ संदेश दिया। कुछ बड़े नेताओं के भाजपा से सपा में जाने का फैक्टर भी कोई खास असर नहीं डाल सका। भले ही पिछली बार से भाजपा की सीटें कुछ कम जरूर हुई है, पर इन तमाम चुनौतियों के बाद भी इस बहुमत से आना अपने आप में एक ऐतिहासिक जीत हैं। लखीमपुर खीरी से आए नतीजे अप्रत्याशित हैं। लखीमपुर खीरी की सभी सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। किसान आंदोलन के चलते राकेश टिकैत से लेकर समस्त विपक्षी दलों द्वारा किये गए तमाम प्रकार के प्रपंच भी जनता का मन ना बदल सके l

चुनाव में जीत के बाद योगी जी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रवाद, सुरक्षा, विकास और सुशासन के मुद्दे पर भाजपा को जो प्रचंड बहुमत जनता जनार्दन ने दिया है, उस पर हमें खरा उतरना ही होगा।

अपराधियों और माफिया के खिलाफ ‘बुलडोजर’ चलाने का नारा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खूब उछला था। बहुमत से सत्ता में लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘बुलडोजर बाबा’ का नया नाम भी दे दिया गया है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राज्‍य के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जी भी एक लाख से अधिक मतों से चुनाव जीते। योगी जी ने गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में सुभावती उपेंद्र शुक्‍ला को 1,03,390 मतों से पराजित किया। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ जी विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे। इससे पहले वह गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से 1998 से लगातार पांच चुनावों में लोकसभा सदस्य निर्वाचित होते रहे है। पहली बार गोरखपुर शहर से विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले योगी आदित्यनाथ को 1,65,499 मत मिले जबकि सपा की सुभावती शुक्‍ला को 62,109 मत मिले। यहां योगी जी के खिलाफ आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद को महज 7,640 मतों से संतोष कर जगह-जगह अपना मुँह छुपाना पड़ा।

राज्यों में आये परिणाम और जनता द्वारा दिया गया भव्य जनादेश प्रत्यक्ष रूप से केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व की सफलता को दर्शाता है।

लेखक
सुयश त्यागी
सह-संयोजक सोशल मीडिया विभाग
भाजपा मध्यप्रदेश