राजा शंकर शाह के नाम पर होगा छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम
जनजातीय बहुल विकासखण्डों में प्रारंभ होगी ‘‘राशन आपके द्वार’’ व्यवस्था
गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @जबलपुर रमाकांत उपाध्याय/
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में जनजातीय कल्याण की दिशा में बेहतर कार्य हुए हैं। केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकार ने भी जनजातियों के विकास के लिए अनेक योजनाएँ बनाकर उन्हें मैदानी स्तर पर क्रियान्वित किया है। मध्यप्रदेश में जनजातीय विकास के लिए पहले भी कार्य हुए हैं, लेकिन आज शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय वर्ग को अधिकार देने की शुरूआत की है। केन्द्रीय गृह व सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने यह बात जबलपुर में गैरीसन ग्राउंड में आयोजित अमर शहीद शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य दोनों ही सरकारें जनजातीय विकास के लिए समर्पित सरकारें हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय कल्याण के लिए कई कार्यों को मैदानी स्तर पर अमलीजामा पहनाने का कार्य किया है। इस दौरान केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, लोक निर्माण एवं जिले के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव, सांसद वी.डी. शर्मा उपस्थित थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि संस्कारधानी के अमर शहीद शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर 5 करोड़ की लागत से बनने वाले स्मारक की आधारशिला रखने का अवसर मुझे मिला है, इसके लिए मैं अपने आपको को सौभाग्यशाली समझता हूँ। आज जो स्मारक की आधारशिला रखी गई है, यह स्मारक आने वाले हजारों वर्ष तक युवाओं और समाज के लिए प्रेरणा देने का कार्य करेगा। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में हम आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का “अमृत महोत्सव” मना रहे हैं और उसमें ऐसे बलिदानी, जिनका इतिहास में जिक्र नहीं है, उनके इतिहास को खोजकर संजोने के लिए संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। देशभर में 9 स्थानों का चयन किया गया है, जिसमें 200 करोड़ रूपये की लागत से काम कराया जा रहा है। इसमें मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ा भी शामिल है। संग्रहालयों का कार्य प्रारंभ हो चुका है और अभी तक 110 करोड़ रूपये खर्च भी किए जा चुके हैं।
आजादी की अलख जगाने में जनजातीय वर्ग का योगदान अधिक
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री शाह ने कहा कि आजादी की अलख जगाने का इतिहास उठाकर देखें तो 1857 की क्रांति और उससे पहले गुलामी की जंजीरों से माँ भारती को मुक्त कराने में बलिदान देने वालों में जनजातीय वर्ग के नायकों की भूमिका सर्वाधिक रही है। श्री शाह ने देशभर के जनजातीय समाज के नायक भगवान बिरसा मुंडा, टांट्या भील, रानी दुर्गावती सहित अन्य जन-नायकों की आजादी की लड़ाई में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
आजादी का अमृत महोत्सव क्यों
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि देशभर में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। महोत्सव मनाने के पीछे मंशा यह है कि हमें आजाद कराने में बहुत से ऐसे गुमनाम सिपाही और वीर बलिदानी हैं, जिनकी कहीं पर भी इतिहास में चर्चा नहीं है। ऐसे हमारे सिपाहियों का इतिहास खोजा जा रहा है और उनकी स्मृतियों को संजोने के साथ ही आमजन को उनकी देशभक्ति की गाथाओं से परिचित कराने का कार्य किया जा रहा है।
हर वर्ष मनाया जायेगा बलिदान दिवस- मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पराक्रमी राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह ने अपनी मातृ-भूमि, अपने धर्म, अपने राज्य की रक्षा के लिये और भारत माता की परतन्त्रता की जंजीरों को काटने के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है। हम उन सभी वीरों की पूजा करते हैं, जिन्होंने मातृ-भूमि के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। ऐसे जनजातीय नायकों को समर्पित भव्य स्मारक का निर्माण कराया जायेगा, जिसका सूत्रपात आज किया गया है। हर साल 18 सितम्बर को बलिदान दिवस मनाया जायेगा।
भगवान बिरसा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाई जायेगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिये राज्य सरकार द्वारा लिये गये फैसलों की जानकारी भी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाई जायेगी। सम्पूर्ण प्रदेश में बड़े ही धूमधाम के साथ जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन होगा।
छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकर शाह के नाम पर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम ‘‘राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय’’ करने की घोषणा की।
पेसा कानून की भावना के अनुरूप जंगल का प्रबंधन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार जनजातीय भाई-बहनों को देने जा रहे हैं। पेसा एक्ट चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में लागू किया जायेगा। उन्होंने पेसा एक्ट की भावना के अनुरुप जंगल प्रबंधन की बात कही। उन्होंने बताया कि पेसा एक्ट ग्राम सभा को सामुदायिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार देता है। वन भी सामुदायिक संसाधन है। इसे अमलीजामा पहनाने के लिये हम सामुदायिक वन प्रबन्धन समितियों के गठन की जिम्मेदारी ग्राम सभा को देने जा रहे हैं। अब सामुदायिक वन प्रबंधन समितियाँ वर्किंग प्लान के अनुसार हर साल का माइक्रो प्लान बनाएंगी और उसे ग्राम सभा से अनुमोदित कराएँगी। समितियाँ ही उस प्लान को क्रियान्वित करेंगी। वन विभाग का अमला समितियों को इस काम में मदद करेगा। आवश्यक वित्तीय संसाधन सरकार उपलब्ध कराएगी। वन प्रबंधन के अधिकारों के साथ हमने तय किया है कि हम ’ग्राम स्वराज’ का सर्वोत्तम उदाहरण पेश करें। पंचायती राज व्यवस्था की पाँचवी अनुसूची के क्रियान्वयन में समस्याएँ थीं, उनका निराकरण करने की हमने ठान ली है। हमने निर्णय लिया है कि सामुदायिक वन प्रबंधन के अधिकार जनजातीय बन्धुओं को दिए जाएंगे। तेंदूपत्ता बेचने का काम भी वन समिति करेंगी।
राशन आपके द्वार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिले के जनजातीय बहुल विकासखण्डों में एक नवम्बर मध्प्रदेश स्थापना दिवस से राशन आपके द्वार व्यवस्था प्रारंभ करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक नवंबर से जनजातीय बहुल विकासखंडों में घर-घर राशन वितरण किया जायेगा। प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखण्डों में अब किसी भी जनजातीय भाई-बहन को राशन लेने के लिए दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उनके अधिकार का राशन सरकार उनके घर तक भिजवायेगी। हम गाँव-गाँव तक राशन पहुँचाने की एक नई योजना प्रारंभ करने जा रहे हैं। इसका लाभ हमारे जनजातीय विकासखण्डों के 7 हजार 500 से अधिक गाँव में रहने वाले 23 लाख 80 हजार परिवारों को मिलेगा। इन परिवारों तक राशन की सामग्री वाहनों से पहुँचाई जायेगी। हमारे जनजातीय युवाओं को गाँव में ही रोजगार प्रदान करने के लिए राशन के वाहन सरकार उन्हीं से किराए पर लेगी। इन वाहनों को खरीदने के लिए युवाओं को बैंक से लोन उपलब्ध कराया जायेगा। हर राशन वाहन के लिए एक माह का 26 हजार रुपये का किराया हमारे वाहन मालिक युवाओं को मिलेगा, जिससे वे अपनी आजीविका भी चला सकेंगे।
मछली पालन, मुर्गी पालन एवं बकरी पालन के लिए एकीकृत योजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनजातीय भाई-बहनों को आर्थिक रुप से सशक्त बनाने के लिये मछली पालन, मुर्गी पालन और बकरी पालन के लिये एकीकृत योजना की बात कही। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में मुर्गी पालन, बकरी पालन और पशु पालन के क्षेत्र में अपार संभावना है। हम एकीकृत योजना बना रहे हैं। इसके माध्यम से जो भी इनमें उद्यमी बनना चाहे, उन्हें प्रशिक्षण, संसाधन विकास हेतु आर्थिक सहायता और बिक्री के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराये जायेंगे।
जनजातीय शिक्षा में क्रान्ति लायेंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश को नई शिक्षा नीति का तोहफा दिया है। जनजातीय बच्चों और युवाओं को इस नीति का लाभ दिलाने में सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। प्रदेश में कक्षा आठवीं और नौंवी से ही मेरे भांजा-भांजी को नीट, जेईई के फाउंडेशन को सुधारने, स्मार्ट क्लास की ऑनलाइन व्यवस्था की जायेगी। इसके माध्यम से अधिक से अधिक बेटा-बेटी विज्ञान, तकनीकी और चिकित्सा में अपना भविष्य बनायें, इसके लिए हम अपने पाठ्यक्रम को भी आज की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाएंगे। साथ ही हमारे जनजातीय बेटा-बेटियों को फौज और पुलिस में चयन के लिये प्रशिक्षण की व्यवस्था भी प्रारंभ की जायेगी।
बैकलॉग के पदों की पूर्ति शीघ्र
प्रदेश में बैकलॉक पदों पर पूर्ति किये जाने को लेकर भी महत्वपूर्ण बात मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि इस एक वर्ष के भीतर जनजाति वर्ग के सभी बैकलॉग के रिक्त पद भर दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनजातीय क्षेत्रों में साहूकारी का धंधा करने वालों की पंजीयन शुल्क की वृद्धि की बात कही। उन्होंने कहा कि पंजीयन शुल्क में वृद्धि की गई है, यदि तय नियमों से जो ज्यादा ब्याज कोई लेगा, तो उस पर कार्यवाही की जायेगी। जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण के लिये हमारी सरकार ने अनेक कल्याणकारी कार्य किये हैं। मुझे यह बताते हुये खुशी है कि हमारे जनजातीय बेटे एवं बेटियाँ डॉक्टर, इंजीनियर बनकर प्रदेश एवं देश की सेवा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुझे कहते हुये गर्व है कि प्रदेश में विगत 15 वर्षों में जनजातीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण हो या बिजली, पानी की व्यवस्था या आश्रम शालायें, छात्रावास, हाईस्कूल खोलने की बात हो, व्यापक पैमाने पर इनकी स्थापना की गई है। जनजातीय विद्यार्थियों को छात्रावास के साथ ही यदि वह शहर में किराये का घर लेकर भी अपना अध्ययन करते हैं, तो उसका भुगतान भी राज्य सरकार कर रही है। इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की बात हो या विदेश में किसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की, उसका खर्च भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।
संग्रहालय की रखी आधारशिला
केन्द्रीय गृहमंत्री श्री शाह और मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ उपस्थित अन्य अतिथियों ने अमर शहीद राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी स्मृति में 5 करोड़ की लागत से बनने वाले संग्रहालय का भूमि-पूजन भी किया। साथ ही स्वराज संस्थान द्वारा जनजातीय नायकों पर आधारित बनाए गए एलबम का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान जनजातीय नायकों पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का अतिथियों ने शुभारंभ कर उसका अवलोकन किया।
बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जनों को केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी संबोधित किया। उन्होंने जनजातीय शहीदों के बलिदानों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। जबलपुर सांसद श्री राकेश सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने 1857 की पहली क्रांति का बिगुल फूंकने वाले अमर शहीद शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह की शौर्य गाथा पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब उनकी बलिदान गाथा पूरे देश में गूँजेगी और पूरा देश उन्हें जानेगा।
कार्यक्रम में ये भी रहा खास –
- केन्द्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री सहित उपस्थित केन्द्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार के मंत्रियों को पद्मश्री भूरी बाई की बनाई कलाकृतियाँ भेंटकर जनजातीय मंत्री सुश्री मीना सिंह ने स्वागत किया।
- प्रदेश के विभिन्न जिलों व स्थानीय कलाकारों ने जनजातीय संस्कृति पर आधारित गीतों की प्रस्तुति दी।
- जनजातीय वर्ग की कलाकृतियों के साथ अतिथियों को पगड़ी भी भेंट की गई।
- वीर जनजातीय अमर शहीद राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के शौर्य एवं पराक्रम पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
- अमर शहीद राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह द्वारा रचित कविता का भी कलाकारों द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया।
बलिदान दिवस के कार्यक्रम में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल, सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद भदौरिया, शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह, राज्यसभा सांसद संपतिया उइके, विधायक श्रीमती नंदनी मरावी सहित जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।