बाल्टिक देशों में दिखाई देते हैं भारतीय संस्कृति के पद-चिन्ह – मुख्यमंत्री,
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय संस्कृति का प्रसार पूरी दुनिया में था और हर जगह उसके पद-चिन्ह दिखाई देते हैं। देव संस्कृति विश्वविद्यालय और गायत्री परिवार द्वारा इस दिशा में अद्भुत प्रयास किए गए हैं। हमारी परंपराएँ किसी न किसी रूप में बाल्टिक देशों में भी प्रचलित है। भाषा, संस्कृति, परंपरा एवं जीवन मूल्यों में समानता यह स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 2 दिसम्बर को प्रातः देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार में स्थित बाल्टिक शिक्षा एवं संस्कृति केंद्र का अवलोकन किया तथा संबोधन दिया।
कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को सेंटर में संकलित ग्रंथों, वेद और पुराणों के अनुवाद आदि का अवलोकन कराया तथा संस्कृति को सहेजने, सँवारने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी संस्कृति को जीवंत रखने के लिए किया जा रहा यह कार्य बहुत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाल्टिक सेंटर ने न केवल देशों को परस्पर जोड़ा है अपितु हमारी समान परंपराओं, जीवन मूल्य और संस्कृति का अध्ययन कर उसे विश्व के सामने भी रखा है। बाल्टिक देशों लिथूनिया, एस्टोनिया और लाटविया के विद्यार्थी भी यहाँ अध्ययन के लिए आते हैं और राजनेता भी आते हैं। परम पूज्य गुरूदेव के आशीर्वाद से भारत और इन देशों को जोड़ने का जो प्रयास हुआ है, वह अभिनंदनीय है।
विश्वविद्यालय में कार्यक्रम के पश्चात माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी धर्मपत्नी श्रीमति साधना सिंह चौहान के साथ नवयुग की गंगोत्री, शांतिकुंज के लिए रवाना हुए। वहां पहुंचकर उन्होंने परम पूज्य गुरुदेव व परम वंदनीया माता जी के कक्ष के दर्शन कर अलौकिक सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण की एवं दिव्य अखंड दीप के दर्शन किए। तत्पश्चात मुख्यमंत्री जी ने श्रद्धेयद्वय से आत्मीय भेंट की। भेंट के विषय में उन्होंने कहा ‘आज दोनों दिव्य अनुभूतियों से मिलकर अंतर्मन अदभुत अध्यात्मिक उर्जा से पूर्ण है।
पावन मां गंगा के तट पर स्थित हरिद्वार में श्री प्रज्ञेश्वर महादेव जी महाकाल मंदिर में दर्शन-पूजन कर देशवासियों के कल्याण, सुख-समृद्धि की कामना की। श्री महादेव जी की कृपा हम सभी पर बनी रहे, सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हों। गौशाला में गायों की सेवा कर आशीर्वाद लिया।