पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि राजपूतों का इतिहास राष्ट्रप्रेम, शौर्य, साहस और बलिदान का है। राजपूत ही भारतीय सनातन संस्कृति के सच्चे ध्वज वाहक हैं। मंत्री सुश्री ठाकुर भोजपुर क्लब में राजपूत महापंचायत की महिला शक्ति के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। सुश्री ठाकुर ने मातृशक्ति का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि नारी विश्व की निर्मात्री शक्ति है। नारी ने ही एक माँ के रूप में भारत के महापुरुषों में बाल्यकाल में ही राष्ट्रप्रेम, साहस और बलिदान के गुण रोपित किये तभी वे महान बन पाए। वर्तमान समय में भी सनातन संस्कृति की परंपरा को भावी पीढ़ी को सौंपने की अहम जिम्मेदारी मातृशक्ति पर है। इसके पूर्व सुश्री ठाकुर ने कन्या-पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मंत्रीघर में वैदिक जीवन पद्यति अपनाये। बच्चों को आध्यामिकता का संस्कार दें
सुश्री ठाकुर ने उपस्थित महिला शक्ति से आग्रह किया कि घर में वैदिक जीवन पद्यति अपनाये। बच्चों को आध्यामिकता का संस्कार दें। उन्हें राम रक्षा स्त्रोत का पाठ कराये। घर की बैठकों में क्रांतिकारियों और वीर महापुरुषों के चित्र लगाये। यह चित्र परिवार के चित्त का निर्माण करेंगे। इसके साथ ही सूर्योदय और सूर्यास्त के समय गाय के गोबर से बने कंडे पर घी, अक्षत और गुड़ का हवन करें। हवन में दी गई आहूति से घर सैनिटाइज होगा और परिवार के सभी सदस्यों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।
राजपूत महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राजपूत समाज हमेशा धर्मसम्मत कार्य और राष्ट्र उत्थान में अपना योगदान देता आया है। राजपूतानी महिलाओं ने हमेशा से ही सनातन धर्म और संस्कृति का पालन किया है। आगे भी समाज मे सनातन संस्कृति और परंपरा का पालन करने में राजपुताना महिलाये महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
क्षत्रीय महासभा के विश्वप्रताप सिंह, जिला अध्यक्ष श्रीमती मोनिका ठाकुर, चंचल राजपूत सहित राजपूत पंचायत के प्रतिनिधि और आमजन उपस्थित थे।