चिकित्सा शिक्षा एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चिकित्सक नैतिकता के उदाहरण प्रस्तुत करें। इसके लिये चिकित्सकों को प्रोत्साहित भी किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान गुरुवार को मंत्रालय में चिकित्सा शिक्षा और भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
अच्छे कार्य करने वालों की प्रदेश में कमी नहीं, उन्हें सम्मानित करने की जरूरत है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि अच्छे कार्य करने वालों की प्रदेश में कोई कमी नहीं है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जब पढ़ता था, तब अस्वस्थ होने पर हमीदिया अस्पताल में गया, जहाँ मुझे डॉक्टर एच.एस. त्रिवेदी ने देखा। अस्पताल की दूरी अधिक होने के कारण मैं अगली बार उनके निवास पर ही उपचार के लिए गया। उन्होंने वहाँ कोई फीस नहीं ली और हाथ जोड़कर कहा कि मैंने आपको हमीदिया अस्पताल में देखा था, मैं फीस नहीं ले सकता। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नैतिकता का उदाहरण प्रस्तुत करने वाले ऐसे डॉक्टरों की कमी नहीं है, उन्हें सम्मानित और प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
मेडिकल कॉलेज में पीजी सीट बढ़ाई जायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में पीजी सीट बढ़ाई जायें। चिकित्सालय की क्षमता में वृद्धि की जाये। इसके मापदंड तय करें। चिकित्सा महाविद्यालयों में न्यूनतम जरूरी सभी सुविधाएँ उपलब्ध रहें। सोनोग्राफी मशीन शासकीय अस्पतालों में संचालित हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फीस कमेटी की अवधारणा तैयार कर मापदण्ड तय करें। बताया गया कि वर्ष 2025 तक मेडिकल कॉलेजों में लगभग 3250 सीट्स करने का लक्ष्य है। पीजी की सीट्स भी 1281 तक बढ़ाई जायेंगी। वर्ष 2025 तक मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में 18 हजार 887 बिस्तर बढ़ाये जायेंगे।
नर्सिंग के क्षेत्र में रोजगार की कई संभावनाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्सिंग के क्षेत्र में रोजगार की कई संभावनाएँ हैं। प्रदेश में नर्सिंग छात्राओं को अधिकाधिक रोजगार से जोड़ा जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रतलाम में मेडिकल कॉलेज में अलग से सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने के प्रयास किये जायें।
चिकित्सा महाविद्यालयों में नशामुक्ति केन्द्र
चिकित्सा महाविद्यालयों में नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना की जाये। महिलाओं में कैंसर की प्राथमिक रोकथाम के लिये पिंक कैम्पेन को प्रारंभ करें। इसका सुव्यवस्थित प्रचार-प्रसार हो, जिससे पीड़ित वर्ग को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि हिन्दी में चिकित्सा पाठ्यक्रम को प्रारंभ कर देश में प्रथम बनाने में सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि शासकीय एवं निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी जैसे ऑडिट करवायें, ताकि कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना न हो।
बैठक में भारत शासन की योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गई। साथ ही विभागीय बजट, गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों के इलाज की व्यवस्था, कल्याणी बहनों की विधवा पेंशन, गैस पीड़ित हितग्राहियों के आर्थिक पुनर्वास की योजना और यूसीआईएल के रासायनिक कचरे का विनिष्टिकरण एवं परिसर में स्मारक के निर्माण पर चर्चा की गई।