आयुष आपके द्वार के तहत औषधीय पौधों का वितरण, शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के हर्बल गार्डन से होगा शुभारंभ
पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में सांसद सुश्री प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि आयुष पद्धति हमारे देश की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। हमारे आयुर्वेद को दूसरे देश आयुर्वेदा के नाम से उपयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योग को पूरे विश्व ने अपनाया। उन्होंने कहा कि भारत देश के पास औषधि, आरोग्य, समृद्धि है। हम लोगों को चिरजीवन देना चाहते हैं। भारत में एक-एक पौधे का औषधि महत्त्व है। आरोग्य जीवन में आयुर्वेद की विशेष मान्यता है। हम लोगों को देश की सदियों से प्रमाणित मूलभूत चीजों को अपनाना चाहिए।
सुश्री ठाकुर ने कहा कि महाविद्यालय के अस्पताल में रहकर उन्होंने अपना इलाज करवाया है। महाविद्यालय प्रांगण में भगवान धन्वंतरि का मंदिर बनवाया जाएगा और आने वाले समय में जरूरत के अनुसार भवन में सांसद निधि से लिफ्ट की भी व्यवस्था की जाएगी।
इस मौके पर प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती करलिन खोंगवार देशमुख ने बताया कि योग से निरोग कार्यक्रम के तहत डेढ़ लाख लोग लाभान्वित हुए हैं। आयुर्वेदिक दवाओं सहित त्रिकटु चूर्ण लगभग चार करोड़ लाभार्थियों तक पहुँचाया गया है। हर जिले में हर्बल गार्डन विकसित किए जा रहे हैं। इसमें 16 प्रकार के औषधीय पौधों का रोपण आवश्यक रूप से कराया जा रहा है।
शुरुआत में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में उद्यानिकी आयुक्त श्री एम.के. अग्रवाल भी उपस्थित थे। इस अवसर पर आयुर्वेद को जन-जन तक पहुँचाने के लिए वार्षिक कैलेंडर का विमोचन भी किया गया।
1500 औषधीय पौधों का वितरण
प्रदेश में आयुष, उद्यानिकी, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से प्रति जिला 1500 औषधीय पौधों का वितरण उद्यानिकी विभाग की शासकीय नर्सरी से हितग्राहियों को किया जा रहा है। भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में आयुष विभाग द्वारा यह गतिविधियाँ शुरू की गई हैं। किचन गार्डन में औषधीय पौधों को लगाने की अवधारणा अंतर्गत पूरे देश में 75 लाख पौधों का वितरण किया जा रहा है।
योग प्रोटोकॉल के लिये एप
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शासकीय एवं निजी कार्यालय में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी द्वारा वाई-ब्रेक एप 5 मिनट का योग प्रोटोकॉल डिजाइन और विकसित किया गया है। इस योग प्रोटोकॉल में आसन, प्राणायाम एवं ध्यान शामिल हैं। यह योग प्रोटोकॉल कर्मचारियों को कार्य-स्थल पर ब्रेक के समय अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, तनाव कम करने, तरोताजा रहने और अपनी कार्य-क्षमता को बढ़ाने में सहायक होगा।
4 सितम्बर को होगा व्याख्यान
कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी उच्च माध्यमिक विद्यालय, स्नातक महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिये 4 सितम्बर को आयुष प्रणाली के माध्यम से स्वस्थ जीवन-शैली पर व्याख्यान होगा। व्याख्यान के साथ संबंधित आयुष जागरूकता सामग्री का वितरण भी होगा। इस गतिविधि का उद्देश्य छात्रों को आयुष स्वास्थ्य देखभाल पद्धति के प्रति संवेदनशील बनाना है। इससे छात्र कम उम्र में ही आयुष जीवन-शैली अपना सकेंगे। साथ ही भारतीय पारम्परिक चिकित्सा पद्धति से अवगत होकर स्वस्थ भारत के निर्माण में सहभागी बनेंगे।
अन्य कार्यकम
“वैद्य आपके द्वार” कार्यक्रम के जरिये नागरिकों को आयुष चिकित्सा सुविधा सहज रूप से प्रदान करने के लिये “आयुष क्योर टेली-मेडिसिन” एप द्वारा ऑनलाइन आयुष चिकित्सा पद्धतियों का परामर्श आयुष चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा दिया जा रहा है। साथ ही “योग से निरोग” कार्यक्रम के तहत योग प्रशिक्षकों द्वारा ऑनलाइन योगाभ्यास भी कराया जा रहा है।