Bhopal 2024 तक शत-प्रतिशत घरों को मिलेगा नल से जल – लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव

2024 तक शत-प्रतिशत घरों को मिलेगा नल से जल

जल जीवन मिशन के लिए गठित मंत्री समूह की हुई बैठक

गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ भोपाल मध्यप्रदेश रविकांत उपाध्याय / 8085883358

 लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि जल जीवन मिशन से 2024 तक प्रदेश की सम्पूर्ण ग्रामीण आबादी को नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मिशन के कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय जन-प्रतिनिधियों का पूर्ण सहयोग लिया जाए। मंत्री श्री भार्गव ने मंत्रालय में सम्पन्न हुई मंत्री समूह की बैठक में उक्त बात कही।

बैठक में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बृजेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

जल जीवन मिशन में 30 हजार 668 करोड़ लागत की जल-प्रदाय योजनाएँ स्वीकृत

जल जीवन मिशन में ग्रामीण आबादी में पेयजल व्यवस्था के लिए अब तक 30 हजार 668 करोड़ रुपये अधिक लागत की जल-प्रदाय योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इनमें एकल ग्राम नल-जल, समूह जल-प्रदाय रेट्रोफिटिंग योजनाएँ शामिल हैं। प्रदेश में मिशन का प्रभावी क्रियान्वयन ग्रामीण परिवारों लिए काफी लाभदायी साबित रहा है। शत-प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने के निर्धारित लक्ष्य को वर्ष 2024 पूरा किया जाना है, जिससे गाँव में बसे प्रत्येक परिवार को घर पर ही नल से जल उपलब्ध करवाया जा सके। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल निगम द्वारा मिशन से अभी तक प्रदेश 4126 ग्रामों के शत-प्रतिशत परिवारों को नल से जल उपलब्ध करवाया गया है।

47 लाख 67 हजार परिवारों को दिए जा चुके नल कनेक्शन

मिशन के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाना है कि कोई भी ग्रामीण परिवार पेयजल लिए परेशान नहीं हो और सभी को घर में ही नल के माध्यम से जल मिले। मिशन में अब तक 47 लाख 67 हजार से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाया जा चुका है। प्रदेश के सभी जिलों में ग्रामीण परिवारों को “जल जीवन मिशन” का लाभ देने के उद्देश्य से जल-प्रदान योजनाओं पर त्वरित गति से कार्य किए जा रहे हैं। मिशन की प्रगतिरत जल प्रदाय योजनाओं में जहाँ जल स्त्रोत हैं, वहाँ उनका समुचित उपयोग कर आसपास ग्रामीण परिवारों को पेयजल प्रदाय किया जायेगा। जिन ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्त्रोत नहीं वहाँ नये स्रोत निर्मित किये जायेंगे।