गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ वाशिंगटन रविकांत उपाध्याय / 8085883358
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने बुधवार को यूक्रेन के खिलाफ हमला करने पर रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में 193 देशों में से 141 सदस्यों ने एकमत के साथ प्रस्ताव का समर्थन किया। जिससे यह निंदा प्रस्ताव पास हो गया। इस प्रस्ताव में रूस से यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से अपने सैनिकों को तत्काल वापस बुलाए जाने की मांग की गई है। इस ऐतिहासिक प्रस्ताव में सिर्फ पांच देशों रूस, बेलारूस, इरिट्रिया, उत्तरी कोरिया और सीरिया ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जबकि भारत, यूएई, समेत 35 देशों ने हिस्सा नहीं लिया।
भारत ने यूएनजीए में “यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता” वाले प्रस्ताव से खुद को मतदान से दूर रखा। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए राजनयिक पथ पर लौटने का आह्वान किया था। यह पांचवीं बार है जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर यूक्रेन से संबंधित वोट से परहेज किया है।
यूएनजीए के प्रस्ताव ने 24 फरवरी को यूक्रेन में रूस के आक्रमण शुरू करने के फैसले की निंदा की। प्रस्ताव में कहा गया कि किसी की भी क्षेत्रीय अधिग्रहण को कानूनी के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी। यूक्रेन में नागरिकों पर हमले पर प्रकाशित रिपोर्टों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई और माना कि यूक्रेन के अंदर रूस के सैन्य अभियान बेहद भयावह हैं जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दशकों में यूरोप में नहीं देखा था। ऐसे में इस पीढ़ी को युद्ध के संकट से बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता थी। यूएनजीए ने परमाणु बलों की तैयारी बढ़ाने के रूस के फैसले की भी निंदा की।प्रस्ताव में यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति और वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा पर संघर्ष के संभावित प्रभाव के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की गई। यह भी मांग की कि सभी सदस्य यूक्रेन से बाहर जाने वाले रास्तों के लिए सुरक्षित और निर्बाध मार्ग की अनुमति दें और यूक्रेन में जरूरतमंद लोगों के लिए सहायता के लिए त्वरित कार्रवाई करें।
यूएनजीए ने “यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों” की स्थिति पर रूस के फैसले की निंदा की। दरअसल, एक सप्ताह पहले रूस ने दोनों प्रांतों को स्वतंत्र गणराज्यों के रूप में मान्यता दी थी। प्रस्ताव में यूक्रेन के खिलाफ रूस की मदद करने पर बेलारूस की भूमिका की भी निंदा की गई। इससे पहले यूएनजीए की बैठक में रूस ने वीटो का प्रयोग कर निंदा प्रस्ताव को स्थगित कर दिया था। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा आपातकालीन विशेष सत्र बुलाया गया था। यूएनएससी ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव के लिए बहुमत के माध्यम से वोट देने वाले एक विशेष सत्र का आयोजन किया। यह सभा का अब तक का 11वां ऐसा आपातकालीन सत्र है। हालांकि अभी इस प्रस्ताव का रूस यूक्रेन पर कितना असर होगा, आने बाला समय बताएगा। दोनों देश गुरुवार को एक बार फिर से बातचीत करने बाले हैं हो सकता है कहीं कोई समझौता निकल जाए।