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विभाजन को निरस्त करना ही भारत विभाजन की पीड़ा का समाधान

गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल @ नोएडा रमाकांत उपाध्याय/ 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने नोएडा में आयोजित विभाजन कालीन भारत के साक्षी पुस्तक का विमोचन समारोह गुरुवार को कहा कि भारत के विभाजन की पीड़ा का समाधान विभाजन को निरस्त करना ही है. उन्होंने कहा कि दोबारा देश का विभाजन नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि भारत की पारंपरिक विचारधारा का सार सबको साथ लेकर चलना है, खुद को सही और दूसरों को गलत मानना नहीं. भागवत ने कहा कि इसके विपरीत, इस्लामी आक्रांताओं की सोच यह थी कि वे खुद को सही और दूसरों को गलत मानते थे, अतीत में संघर्ष का मुख्य कारण यही था. अंग्रेजों की भी यही सोच थी, उन्होंने 1857 के विद्रोह के बाद हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच अलगाव को बढ़ाया। 

दोबारा नही होगा विभाजन

उन्होंने कहा कि लेकिन यह 1947 का नहीं बल्कि 2021 का भारत है. विभाजन एक बार हो गया, वह दोबारा नहीं होगा, जो इसके उलट सोच रखते हैं वे खुद बर्बाद हो जाएंगे. आरएसएस की ओर से जारी एक बयान में अनुसार, भागवत ने कहा कि भारत के विभाजन की पीड़ा का समाधान विभाजन को निरस्त करना ही है। 

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