मेंहदीपुर बालाजी चालीसा का पाठ दिलाएगा ऊपरी बाधाओं से मुक्ति, दैहिक दैविक भौतिक तापों से मिलेगा छुटकारा, प्रतिदिन हजारों भक्त करते हैं दर्शन
गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल@मेंहदीपुर बालाजी धाम,राजस्थान रमाकांत उपाध्याय/ 9893909059
कलियुग में श्रीरामभक्त हनुमान जी जाग्रत व शीघ्रफल दायक देवता हैं, जिनकी शरण मात्र से दुःख और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। मंगलवार व शनिवार को हनुमान जी की आराधना से विशेष फल मिलता है।
हनुमान चालीसा, बजरंगबाण पाठ, संकटमोचक हनुमान अष्टक , सुंदरकांड पाठ , हनुमान बाहुक पाठ का विशेष महत्व है।
राजस्थान के मेंहदीपुर बालाजी स्थान पर हनुमान जी के वाल स्वरूप सहित भैरव जी और प्रेतराज सरकार विराजमान है। जिनके दर्शन, अर्जी लगाने से संकटो से मुक्ति मिलती है। प्रतिदिन हजारों भक्त संकटो से मुक्ति के लिए बालाजी की शरण आते हैं।
मेंहदीपुर बालाजी की चालीसा का पाठ उनकी कृपा दिलाता है। पूर्ण श्रद्धा भक्ति से पाठ करना चाहिए।
मेंहदीपुर बालाजी चालीसा
।। दोहा।।
श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान ।
बालाजी चालीसा लिखे “दास” स्नेही कल्याण ।।
विश्व विदित वर दानी संकट हरण हनुमान ।
मेंहदीपुर में प्रगट भये बालाजी भगवान ।।
।।चौपाई।।
जय हनुमान बालाजी देवा ।
प्रगट भये यहां तीनों देवा ।।
प्रेतराज भैरव बलवाना।
कोलवाल कप्तान हनुमाना ।।
मेंहदीपुर अवतार लिया है ।
भक्तों का उद्धार किया है ।।
बालरूप प्रगटे हैं यहां पर ।
संकट वाले आते जहां पर ।।
डाकिनी शाकिनी अरु जिंदनीं ।
मशान चुड़ैल भूत भूतनीं ।।
जाके भय ते सब भग जाते ।
स्याने भोपे यहां घबराते ।।
चौकी बंधन सब कट जाते ।
दूत मिले आनंद मनाते ।।
सच्चा है दरबार तिहारा ।
शरण पड़े सुख पावे भारा ।।
रूप तेज बल अतुलित धामा ।
सन्मुख जिनके सिय रामा ।।
कनक मुकुट मणि तेज प्रकाशा।
सबकी होवत पूर्ण आशा ।।
महंत गणेशपुरी गुणीले ।
भये सुसेवक राम रंगीले ।।
अद्भुत कला दिखाई कैसी ।
कलयुग ज्योति जलाई जैसी ।।
ऊंची ध्वजा पताका नभ में ।
स्वर्ण कलश है उन्नत जग में ।।
धर्म सत्य का डंका बाजे ।
सियाराम जय शंकर राजे ।।
आन फिराया मुगदर घोटा।
भूत जिंद पर पड़ते सोटा ।।
राम लक्ष्मन सिय हृदय कल्याणा ।
बाल रूप प्रगटे हनुमाना ।।
जय हनुमंत हठीले देवा ।
पुरी परिवार करत है सेवा ।।
लड्डू चूरमा मिसरी मेवा ।
अर्जी दरखास्त लगाऊ देवा ।।
दया करे सब विधि बालाजी ।
संकट हरण प्रगटे बालाजी ।।
जय बाबा की जन जन उचारे ।
कोटिक जन तेरे आए द्वारे ।।
बाल समय रवि भक्षहि लीन्हा ।
तिमिर मय जग कीन्हो तीन्हा ।।
देवन विनती की अति भारी ।
छांड़ दियो रवि कष्ट निहारी ।।
लांघि उदधि सिया सुधि लाए ।
लक्ष्मण हित संजीवन लाए ।।
रामानुज प्राण दिवाकर ।
शंकर सुवन मां अंजनी चाकर ।।
केसरी नंदन दुख भव भंजन ।
रामानंद सदा सुख संदन ।।
सिया राम के प्राण पियारे ।
जय बाबा की भक्त ऊचारे ।।
संकट दुख भंजन भगवाना ।
दया करहु हे कृपा निधाना ।।
सुमर बाल रूप कल्याणा।
करे मनोरथ पूर्ण कामा ।।
अष्ट सिद्धि नव निधि दातारी।
भक्त जन आवे बहु भारी ।।
मेवा अरु मिष्टान प्रवीना ।
भेंट चढ़ावें धनि अरु दीना ।।
नृत्य करे नित न्यारे न्यारे ।
रिद्धि सिद्धियाँ जाके द्वारे ।।
अर्जी का आदेश मिलते ही ।
भैरव भूत पकड़ते तबही ।।
कोतवाल कप्तान कृपाणी।
प्रेतराज संकट कल्याणी ।।
चौकी बंधन कटते भाई ।
जो जन करते हैं सेवकाई ।।
रामदास बाल भगवंता ।
मेंहदीपुर प्रगटे हनुमंता ।।
जो जन बालाजी में आते ।
जन्म जन्म के पाप नशाते ।।
जल पावन लेकर घर जाते ।
निर्मल हो आनंद मनाते ।।
क्रूर कठिन संकट भग जावे।
सत्य धर्म पथ राह दिखावें ।।
जो सत पाठ करे चालीसा ।
तापर प्रसन्न होय बागीसा ।।
कल्याण स्नेही स्नेह से गावे ।
सुख समृद्धि रिद्धि सिद्धि पावे ।।
।।दोहा।।
मंद बुद्धि मम जानके,
क्षमा करो गुणखान ।
संकट मोचन क्षमहु मम,
दास स्नेही कल्याणा ।
श्री राम जय राम जय जय राम