कलेक्टर डॉ पंकज जैन की अध्यक्षता में आज जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई। कलेक्टर डॉ जैन ने समस्त चिकित्सको को सचेत करते हुए कहा कि जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। उनकी प्रगति में अद्यतन वृद्धि हो और उपलब्धियां विभिन्न स्तरों के ऑन लाइन पोर्टलों पर परलिक्षित हो।
कलेक्टर डॉ जैन ने निर्देश दिए है कि
चिकित्सकगण समय पर अपनी सेवाएं देकर कार्यक्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धियों से जाने जाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ अमला अपने मुख्यालय पर रहकर स्वास्थ्य सुविधाओं से आमजनों को लाभांवित करें। उनके स्थानीय रहवासियों से व्यक्तिगत सम्पर्क रहें ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रस्त होने पर आमजन निःसंकोच बता सकें।
कलेक्टर डॉ जैन ने
एएनएम और आंगनबाडी केन्द्रो के अमले से जो अपेक्षाएं स्वास्थ्य विभाग की है वे उन अपेक्षाओं पर खरे उतरे, सतत कार्यक्षेत्र में भ्रमण कर गर्भवती महिलाओं से सम्पर्क बनाए रखें और कब-कब उनका चेकअप होना है और उनके द्वारा कराया गया है कि नहीं की जानकारी प्राप्ति के उपरांत उसे पोर्टल पर दर्ज कराने के कार्यो का संपादन अनिवार्यतः किया जाए। कलेक्टर ने समस्त बीएमओ को निर्देश दिए है कि जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाली बैठक के पूर्व खण्ड स्तरीय बैठक आयोजित कर निर्धारित डाटा को अपलोड कराने के उपरांत अद्यतन जानकारियों सहित जिला स्तरीय बैठक में सम्मिलित हो। कलेक्टर डॉ जैन ने संस्थागत प्रसव में विगत तीन माह से दर्ज रिकार्ड की समीक्षा के दौरान असंतोष जाहिर करते हुए बेवपोर्टल पर दर्ज आंकडा और संस्था के आंकडे में एकरूपता ना होने पर संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए है।
कलेक्टर डॉ जैन ने जिले में अभी भी होम डिलेवरी होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही है अतः स्वास्थ्य विभाग इस ओर विशेष प्रयास करें कि घरो में डिलेवरी ना हो। उन्होंने डिलेवरी पाइंट बर्रो में पिछले तीन माह में एक भी डिलेवरी नही होना को गंभीरता से लेते हुए संबंधित एएनएम को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए जाने हेतु आवश्यक अद्योसंरचनाओं के कार्यो की भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि समस्त बीएमओ को इस बात की जानकारी होना अतिआवश्यक है कि उनके कार्यक्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के कितने नए भवन बन रहे है, कितने का जीर्णोद्वार हो रहा है इसके अलावा अन्य सुविधाएं को ध्यानगत रखते हुए किन-किन अद्योसंरचनाओं का निर्माण कराया जा रहा है।
कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि प्रत्येक एनआरसी केन्द्र में क्षमता के अनुरूप कुपोषित बच्चे भर्ती हो ताकि उपचारित उपरांत पूर्ण स्वस्थ हो सकें। जिले की एनआरसी केन्द्रो में क्षमता से कम बच्चें दाखिल पाए जाने पर महिला एवं बाल विकास विभाग की महती भूमिका है इस कार्य में आंगनबाडी केन्द्रो में पदस्थ अमले को कार्यक्षेत्र के कुपोषित बच्चो की सूची उपलब्ध कराई जाती है इसके बावजूद भी बच्चे एनआरसी में भर्ती नही करा पाना हमारे सिस्टम पर प्रश्नचिन्ह लग रहे है अतः इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कुपोषित बच्चों की वेटिंग सूची भी तैयार रखें ताकि एनआरसी में अगले क्रम पर किस बच्चे का दाखिला होगा से बच्चो के अभिभावक भी अवगत हो सकें।
उक्त बैठक में
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एपी सिंह, सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ संजय खरे के अलावा समस्त बीएमओ तथा अन्य चिकित्सकगणों के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा परियोजना अधिकारी मौजूद रहें।