बासोदा दरबार मे हजारो-लाखो श्रद्धालु अपनी दुख तकलीफ लेकर आते हैं, भगवान रामदेव सभी की तकलीफ दूर करते हैं। बासोदा दरबार मे अर्जी लगाने बाले लोग कुछ ही दिनो मे अच्छे हो जाते हैं। यहाँ हम कुछ लोगो की तकलीफ को उनके नाम और फोटो के साथ बता रहे हैं जो की भगवान रामदेव जी की कृपा से ठीक हो गए।
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मेरा लीवर सामान्य से तीन इंच बड़ा हो गया था। भोपाल में सारे बड़े डाक्टरों से उपचार कराया। उपचार के बाद भी ठीक नहीं हुआ। बाद में डाक्टरों ने बताया लीवर केंसर हैं। मुझे भगवान रामदेव जी के बासौदा दरबार का पता चला। दरबार में आने से भगवान रामदेव जी की कृपा से मेरा लीवर ठीक हो गया। अब कोई तकलीफ नही है।

नाम- जयमंगल सिंह
पता- चार इमली भोपाल

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मेरे छह वर्षीय पुत्र अभिषेक के दिल में छेद था। उपचार के लिए विदिशा, भोपाल और इंदौर में हृदय रोग विशेषज्ञों को दिखाया । उसके उपचार में एक लाख से ज्यादा खर्च कर चुका था। डाक्टरों ने जांच के बाद ऑपरेशन कराने का कहा । ऑपरेशन का खर्च छह लाख बताया । इतना खर्च करना मेरी क्षमता से बाहर था। में अपने पुत्र को भगवान रामदेव जी के दरबार लाया। भगवान रामदेव जी की कृपा से दिल का छेद ठीक हो गया।

नाम- मोहनसिंह ठाकुर
पता- गणेशपुरा विदिशा

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मेंरे शरीर व चेहरे पर सफेद दाग थे। उनका उपचार डाक्टरों से काफी दिनों तक कराया। कम होने के स्थान पर बढ़ते ही जा रहे थे। मुझे श्री रामदेव मंदिर पर लगने वाले दरबार का पता चला। मेंने भगवान रामदेव जी के बासौदा दरबार में अर्जी लगाई। पांच दोज और तीन गुरुवार करने पर भगवान की कृपा से मेरे शरीर और चहरे के सारे सफेद दाग ठीक हो गए। अब में बिलकुल सामान्य हूं।

नाम- किरण वंशकार
पता- ग्राम बरेठ गंजबासोंदा

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बचपन से कान बहते थे बिल्कुल सुनाई नहीं देता था। परिवार के लोगों ने काफी उपचार कराया। लाभ नही हुआ तो ठीक होने की आशा ही छोड़ दी थी।भगवान रामदेव के दरबार में अर्जी लगाने के बाद कानों से मवाद आना बंद हो गया और पूरी तरह सुनाई देने लगा।

नाम- अजय सिंह कुशवाह
पता- गुलाबगंज विदिशा

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पांच साल से पेट में दर्द था विदिशा, भोपाल में जांच कराई। डाक्टरों से काफी उपचार कराया, लेकिन आराम नहीं मिला। रामदेव भगवान की कृपा से पेट दर्द पूरी तरह ठीक हो गया। कोई तकलीफ नहीं है।

नाम- काजल पुत्री भगवान सिंह दांगी
पता- ग्राम इमलावदा, विदिशा

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बचपन से पेट में दर्द रहता था उपचार में हजारों रुपए खर्च किए उसके बाद भी ठीक नहीं हुआ। कई स्थानों पर भी गए कोई फायदा नहीं मिला। भगवान रामदेव दरबार से लाभ मिला, पेट दर्द ठीक हो गया।

नाम- राजकुमारी पत्नि ओमप्रकाश नरवरिया
पता- गुलाबगंज (विदिशा)

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जमीन का मामला निचली अदालत से लेकर ग्वालियर हाई कोर्ट से भी हार गया था इस मामले में अच्छे से अच्छे वकील भी मेरी मदद नहीं कर पाए। जब मैंने भगवान रामदेव के बासौदा दरवार में अर्जी लगाई और हारे मामले का फिर से विदिशा सत्र न्यायालय में रिवीजन प्रस्तुत किया तो श्री रामदेव भी की कृपा से मामले का फैसला मेरे पक्ष में हुआ।

नाम- विजय पाठक
पता-ग्राम हाटखेड़ा गुलाबगंज विदिशा

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मेरे 12 वर्षीय बेटे छो्टू का कान बचपन से पका हुआ रहता था, उससे लगातार मवाद निकलता था। कई जगह उपचार कराया। उपचार में काफी रुपया खर्च किया। लेकिन ठीक नही हुआ। हमने अब ठीक होने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। हमें जब भगवान रामदेव के बासौदा दरवार का पता चला। उसमें पांच गुरुवार दो दोज आने से कान बिलकुल ठीक हो गया।

नाम- जुगलसिंह चंदेल
पता-ग्राम भौरासा कुरवाई विदिशा

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मेरी एक आंख में नौ माह पहले सफेद दाग आ गया था।आंख से दिखना बंद हो गया। भोपाल के नैत्र रोग विशेषज्ञों से उपचार कराया उनका का कहना था कि यह ठीक नही होगा। चार इमली चौराहे पर भगवान रामदेव के दरवार का पता लगा । वहां जाने पर पांच गुरुवार दो दोज बासौदा दरवार में आने को कहा गया। मेंने पांच गुरुवार और दोजें की। मेरी आंख का दाग ठीक हो गया । आंख से दिखाई देने लगा।

नाम- प्रदीपसिंह राजपूत
पता- चार इमली चौराहा भोपाल

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सात साल पहले मेरे सीने में खजूर का कांटा लग गया था। डाक्टरों ने बताया था आप्रेशन के द्वारा निकाल जाएगा। मेनें श्री रामदेव बाबा के दरवार में जाकर अर्जी लगाई धूप पाती ली। घर आ कर मेरे पिता ने सीने पर घूप मल दी। दो दिन बाद कांटा बाहर आ गया।

नाम- प्रदीप रघुवंशी
पता- फरीदपुर डायला गंजबासौदा

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मेरा पांच साल का बेटा विशाल विकलांग था। ठीक से खड़ा नही हो पता था। पैर पर पैर चढाता था। भगवान रामदेव के बासौदा दरवार में आने पर पहले गुरुवार को ही इतना लाभ मिला की उसने पैर पर पैर चढाना बंद कर दिया।

नाम- सुशीलाबाई पत्नि प्रभु अहिरवार
पता- ग्राम भौरासा कुरवाई

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मैं छह साल से बीमारी से परेशान था, भोपाल और इंदौर के डॉक्टरों से इलाज कराया। लेकिन ठीक नहीं हुआ। इलाज में काफी रुपया बर्बाद होने से आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई, लेकिन भगवान रामदेव दरबार में आने से पूरी तरह बीमारियों से मुक्त हो गया।

नाम- बैरमसिंह
पता- ग्राम सिरनोटा (त्योंदा)

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मेरी रीढ़ की हड्डी के गुरिया में सामान्य से ज्यादा अंतर (गेप) आ गया था। सीधे भी खड़ा नहीं हो पाता था। दो लोग सहारा देकर खड़ा करते और बैठाते थे। भोपाल के डाक्टरों ने मुंबई में ऑपरेशन करने की सलाह दी थी। मुंबई के डाक्टरों ने ऑपरेशन का समय दे दिया था। मुझे भगवान रामदेव के बासौदा दरबार का पता लगा। दरबार में अर्जी लगाई। मैं पांच गुरूवार तीन दोज दरबार में आने पर बिना ऑपरेशन के बिलकुल ठीक़ हो गया ।

नाम- दिनेश खटीक़ ( पूर्व पार्षद )
पता- नेहरु नगर भोपाल

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मेरा अठारह बर्षीय बेटा तरुण नाथ बचपन से ही नहीं बोलता था। उसका डाटरों से काफी उपचार कराया। उपचार में काफी रुपया भी खर्च किया, लेकिन उसने बोलना प्रारंभ नहीं किया। निराश होकर घर बैठ गए थे। भोपाल में भगवान रामदेव का दरबार लगा। हमें पता चला की भगवान की कृपा से कई रोगी ठीक हो रहे हैं। मै अपने पुत्र को भगवान रामदेव के दरबार में ले गया। उनकी कृपा से वह उसी समय दरबार में बोलने लगा। उसकी आबाज अब लौट आई है ।

नाम- नर्वदा नाथ
पता- झुग्गी बस्ती भोपाल

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आठ साल से मेरे शरीर के सारे जोड़ गठिया वाय की बीमारी होने के कारण दर्द थे। ठीक ढंग से न तो चल पाता था। न बैठ पाता था। मेंरे इस रोग के कारण पूरा परिवार परेशान था। कई स्थानों पर डाक्टरों से देशी विदेशी दोनों प्रकार का उपचार कराया। लेकिन बीमारी से पीछा नहीं छूटा। मुझे बासौदा के भगवान रामदेव दरबार का पता चला। दरबार में अर्जी लगाने से मेरा पूरी बीमारी ठीक हो गई। अब पूरी तरह सामान्य हूं।

नाम- दीनदयाल श्रीवास्तव
पता- रेल्वे स्टेशन के पास डबरा (म़प्र)

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15 फरवरी 2013 को अपने परिचितों के साथ आटो रिक्शा में बैठकर विदिशा वापिस जाने के लिए रेलवे स्टेशन जा रहा था। गंजबासौदा सावरकर चौक पर अचानक आटो से गिरकर बेहोश हो गया। मुझे साथियों ने शासकीय जनचिकित्सालय में भर्ती कराया। डाक्टरों नब्ज व हृदयगति देखकर कह दिया कि एबूलेंस से भोपाल ले जाओं जीवित रहना मुश्किल है। लेकिन गुरु बाबा हरिनारायण पाठक अस्पताल पहुंचे उन्होंने आबाज देकर पुकारा मेरी चेतना लौट आई। पहले में किसी को पहचान भी नहीं रहा था। उनके कान में कुछ कहने स्मरण शक्ति भी आ गई। मुझे पिता श्याम शर्मा के साथ एंबूलेंस के स्थान पर कार से वापिस विदिशा भेजा। मुझे दूसरा जीवन बासौदा रामदेव दरबार से मिला।

नाम- सौरभ शर्मा
पता- किला अंदर चौपरा विदिशा (म.प्र.)

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मेरा बेटा लोकेश विरोठिया 20 साल का हो गया था।बचपन से ही नहीं बोलता था। उसका उपचार काफी डाक्टरों से कराया कोई फायदा नहीं मिला। उपचार में हजारों रुपया खर्च किया। उसके बोलने की आशा छोड़ दी थी। लेकिन के ऐशवाग भोपाल में भगवान श्री रामदेव दरबार आयोजन का पता चला। दरबार में अर्जी लगाई। मेरा बेटा भगवान रामदेव की कृपा से बोलने लगा।

नाम-श्यामसिंह विरोठिया
पता- ,224/ए सेक्टर अशोका गार्डन भोपाल्तव

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मेरे दिल में खून सप्लाई करने वाली तीन नली पूरी तरह बंद हो गई थी। हृदय के डाक्टरों से जांच कराई। डाक्टरों ने बताया कि खून नली बंद होने के साथ दिल में छेद भी हैं। इसका उपचार होना संभव नहीं हैं। जिस अस्पताल में मेरा उपचार चल रहा था। डाक्टर ने मेरी पत्नि को बताया पति की सेवा करो उनका ठीक होना संभव नहीं हैं। मेरी पत्नि को भगवान श्रीरामदेव के बासौदा दरबार का पता चला।दरबार में अर्जी लगाई। भगवान श्रीरामदेव की कृपा से पूरी तरह ठीक हो गया। दूसरा जीवन मिला। जांच कराई तो वह डाक्टर भी आश्चर्य में पड़ गए।

नाम-रुपचंद गजवीए
पता- कोलार रोड़ भोपाल

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मेरे पैर की हड्डी टूट गई थी। पैर का तेरह बार आप्रेशन हुआ। हर बार पैर में मवाद पड़ जाता था। बार बार आप्रेशन के कारण दस कदम चल नहीं पाती थी। सीढ़ी चढऩे के लिए दो जन सहारा देते थे। कमर भी अकड़ गई थी। डाक्टर भी परेशान थे। मुझे बासौदा के भगवान श्रीरामदेव दरबार के बारे में पता चला। दरबार में अर्जी लगाई। अब भगवान की कृपा से पूरी तरह ठीक हो गई। पैर व कमर भी ठीक हो गई। अब चलने की बात तो ठीक खूब नाचती भी हूं। किसी के सहारे की जरुरत नहीं पड़ती।

नाम- कुसुम लता गौर
पता- होशंगाबाद रोड़ भोपाल

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मेरे पुत्र पुष्पेंद्र को चार साल से आंखों की बीमारी के चलते दिखाई देना बंद हो गया था। अच्छे डाक्टरों से उपचार कराने के बाद भी आंखें ठीक नहीं हुई। उसे कुछ दिखाई न देने से जीवन संकट में पड़ गया था। हमें भगवान श्रीरामदेव के बासौदा दरबार का पता चला। वहां दरबार में दाता के सामने पुत्र को ले जाकर अर्जी लगाई। दो गुरूवार दरबार में हाजरी लगाने से ही मेरे पुत्र की आखों में रोशनी लौट आई। अब वह भगवान रामदेव जी की कृपा से बिलकुल ठीक है।

नाम- दलीपसिंह अहिरवार
पता-ग्राम व तहसील बड़ोह जिला विदिशा

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मेरे गाल में छाला था कई डाक्टरों से उपचार कराए ठीक नहीं हुआ उपचार के लिए भोपाल गया तो बताया कि गाल में केंसर की शिकायत है। केंसर की जांच भी कराई उपचार भी चल रहा है। लेकिन ठीक नहीं हो पाया। मुझे बासौदा में भगवान रामदेव दरबार में पता लगा मैंने दरबार में अर्जी लगाई तो दरबार में पांच गुरूवार, तीन अमावस की दोज करने को कहा गया। लेकिन दो गुरूवार आने पर पचास प्रतिशत फायदा मिला।

नाम- लाखन सिंह लोधी
पता-ग्राम जमनिया दीवानगंज रायसेन

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