गंजबासोदा दरबार
श्री रामदेवजी मंदिर गंजबासोदा
गंजबासौदा बर्रीघाट स्थित भगवान श्रीरामदेव मंदिर पर प्रति गुरूवार, अमावस्या की दोज पर आम श्रद्धालुओं के लिए दोपहर दो बजे आरती के बाद दरबार आयोजित होता है। उसमें अर्जी लगाने वालों की पीड़ा बाबा पंडित हरीनारायण पाठक के माध्यम से खुद दूर करते हैं। कर्मचारियों के लिए विशेष दरबार प्रत्येक रविवार को सुबह दस से १२ बजे तक आयोजित होता है। दरबार में देश के कई प्रांतों व शहरों से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और उसे पूरा होने का आर्शीवाद लेकर जाते हैं।
अपने आप मिलता है परिचय
दरबार में आने पर श्रद्धालु खुद व खुद श्रीरामदेव का परिचय पाते हैं। बिना बताए ही उनको बाबा सब कुछ बता देते हैं जिसकी कामना लेकर वह आए हैं। भगवान के इस दरबार में कुछ भी छिपा नहीं रहता है यही कारण है कि दरबार की महिमा दिन व दिन बड़ती जा रही है।भगवान श्री रामदेवजी का कहना है कि आने बाले दिनों में बासौदा दरबार से बड़े बड़े चमत्कार लोगों को देखने मिलेंगे। दूर दूर से इतने लोग दरबार में अपने दु:ख, बीमारी व समस्यांए लेकर अर्जी लगाने व दर्शन के लिए आएंगे कि लोगों को घंटों खड़ा रहना पड़ेगा। दरबार में होने बाले चमत्कार से श्रद्धालु ही नहीं बडे बडे डाक्टर, बैज्ञानिक भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे लेकिन पता नहीं लगा सकेंगे। अंत में उनको भी मानना पड़ेगा। दरबार में देश के कोने कोने से लोग आते हैं। खास बात यह है कि जो एक बार आता है। वह दरबार की महिमा को भूल नहीं पाता है।
गंजबासोदा दरबार की स्थापना
भगवान रामदेव मंदिर और दरबार की स्थापना दो अप्रैल १९९३ में पंडित हरिनारायण पाठक द्वारा ध्वजा रोहण कर बेतवा बर्रीघाट मार्ग पर साढ़े तीन बीघा जमीन खरीदकर की गई। इसके बाद मंदिर का निर्माण प्रारंभ किया गया। परिसर में भगवान रामदेव मंदिर के अतिरिक्त भक्त महासति डॉलीबाई, शिर्डी के सांई बाबा, मां दुर्गा, श्रीगणेश और श्रीराधाकृष्ण मंदिर की भी स्थापना की गई है।
पंडितजी का परिचय
पूज्य पंडित श्री हरिनारायण जी पाठक
मध्यम वर्गीय साधारण परिवार में जन्मे परम पूज्य पंडित श्री हरिनारायण जी पाठक पर भगवान रामदेव की कृपा आठ साल की उम्र से ही है। अब भगवान श्रीरामदेव श्री पाठक जी के माध्यम से प्रति गुरूवार, अमावस की दोज और रविवार को आयोजित होने वाले विशेष दरबार में श्रद्धालुओं के दुख दर्द का निवारण कर उनकी मनोकामना पूरी कर रहे हैं। बासौदा दरबार मे निरंतर दूर-दूर से दुखयारे अपनी मनोकामनाएं लेकर आ रहे हैं। भगवान उनकी मनोकामना पूरी कर रहे हैं। इससे दरबार से निरंतर सैकड़ों भक्त जुड़ते जा रहे हैं। पं. श्री हरीनारायण पाठक पर भगवान रामदेवजी की असीम कृपा है। वह सामान्य तौर पर भी कुछ कह दें या आर्शीवाद दे दें। वह भी सत्य होता है। इस लिए गुरुजी और बाबा के बचनों में भेद करना हमारा बुद्धि भ्रम होगा। क्योकि बाबा स्वयं कहते हैं। जो गुरु का आदर नहीं करेगा। वह मुझे भी प्रिय नहीं होगा। क्योकि जन्म जन्मों के तप त्याग पुण्य के कारण गुरुदेव पर भगवान की कई जन्मों से कृपा है।
चंद्रावल दोज का विशेष महत्व
भगवान रामदेव का अवतार भांदों की दोज दिन शनिवार को हुआ था, इसलिए जब भी कोई अमावस की दोज शनिवार को आती है, उसे चंद्रावल दोज कहा जाता है। इस दोज पर पीले कपड़े में पीले चावल श्रद्धानुसार चांदी या सोने की वस्तु और रुपया बांधकर भगवान रामदेव मंदिर में किसी एक कार्य की अर्जी जो भी श्रद्धालु लगाता है, उसे भगवान अवश्य पूरा करते हैं।
बासौदा दरवार के कार्यक्रम
गंजबासोदा दरबार में होने बाले कार्यक्रम :
1. बसंत पंचमी पर भगवान रामदेव का प्रतिमा स्थापना समारोह की बर्षगांठ ।
2. होली दोज पर दोपहर २ बजे महाआरती व भगवान का दरवार ।
3. रंगपंचमी पर दोपहर साढे तीन बजे से रंगोत्सव ।
4. चैत्र रामनवी पर मंदिर स्थापना दिवस की बर्षगांठ ।
5. दशमी पर ध्वजारोहण ।
6. भाद्रो अमावस की दोज पर भगवान श्री रामदेव का जन्मोत्सव ।
7. दीपावली की दोज पर महाआरती दोपहर २ बजे व दरवार ।
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