म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की जीईआर में वृद्धि के लिए समीक्षा
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा पद्धति से संचालित प्रदेश का एकमात्र शासकीय विश्वविद्यालय है। इसमें अपेक्षानुसार प्रवेश बढ़ाने के लिये एडमिशन प्रक्रिया को और सरल बनाने की आवश्यकता है। मंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में भोज मुक्त विश्वविद्यालय की जीईआर बढ़ाने पर चर्चा कर रहे थे।
मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा पद्धति से संचालित की जा रही भोज विश्वविद्यालय की जानकारी ग्रामीण स्तर पर भी हो, इसके लिये प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा 580 अध्ययन केन्द्रों को बढ़ाकर एक हजार किया जाए। इसके लिये अभियान चलायें। डॉ. यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत पाठ्यक्रमों से जोड़ने का प्रयास करें। सभी 52 जिलों में उच्च शिक्षा विभाग के प्लेसमेंट अधिकारी मुक्त विश्वविद्यालय के लिये नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। वे जिला और पंचायत स्तर पर बैठक कर मुक्त विश्वविद्यालय के सकारात्मक पहलू और इसके फायदे के बारे में जानकारी देंगे।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने कहा कि भोज मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है। रेडियो, टीवी, विज्ञापन तथा आकाशवाणी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों तक इस बात को पहुँचाना जरूरी है कि मुक्त विश्वविद्यालय की डिग्री की अन्य विश्वविद्यालयों की तरह ही मान्यता है। भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयंत सोनवलकर ने सकल पंजीयन अनुपात में वृद्धि के लिये किये गये प्रयासों, विश्वविद्यालय द्वारा अध्ययन केन्द्रों को प्रदाय किये जा रहे सहयोग तथा आगामी कार्य-योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर अपर आयुक्त उच्च शिक्षा दीपक सिंह, भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. एल.एस. सोलंकी और अन्य अधिकारी मौजूद थे।