गंजबासौदा न्यूज़ पोर्टल@ रविकांत उपाध्याय/
कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच कई देशों व भारत के कई राज्यों ने स्कूलों को फिर से खोलना शुरू कर दिया है, लेकिन यह कदम बच्चों पर भारी पड़ता दिख रहा है। अमेरिका में स्कूल खुलते ही कोरोना वायरस के मामलों में भारी उछाल देखा गया है. अगस्त के आखिरी हफ्ते में अमेरिका में ढाई लाख से ज्यादा बच्चे कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, लगभग एक महीने में संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या साढ़े सात लाख पहुंच गई है। अमेरिकी हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ट्रेंड पर चिंता जाहिर की है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में 250,000 से अधिक बच्चों में नए मामले सामने आए। महामारी शुरू होने के बाद से नए बाल चिकित्सा मामलों की यह उच्चतम साप्ताहिक दर है, और यह दो सप्ताह में 10% की वृद्धि है. वहीं, इस अवधि के दौरान पूरे अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा नए मामले भी दर्ज किए गए। इसका मतलब यह हुआ कि देश में चार नए मामलों में एक बच्चे था कोरोना मामलों में बढ़ोतरी की वजह से बच्चों के अस्पताल तनाव में हैं।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों से पता चलता है कि 6 सितंबर को खत्म होने वाले सप्ताह में लगभग 2,500 बच्चों को कोविड-19 संक्रमण के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो पहले से कहीं अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, 5 अगस्त से 2 सितंबर के बीच में साढ़े सात लाख बच्चे कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।
महामारी में 50 लाख से ज्यादा बच्चे पॉजिटिव
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महामारी के दौरान, अमेरिका में 50 लाख से ज्यादा बच्चे कोरोना से संक्रमित मिल चुके हैं और कम-से-कम 444 की मौत हुई है. सीडीसी ने 3 सितंबर को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें डेल्टा वैरिएंट के कारण बाल अस्पताल में भर्ती दरों में पांच गुना वृद्धि दिखाई गई. उम्र के हिसाब से बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने के अंतर और भी चौंकाने वाले थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि जून-अगस्त की समान अवधि में, चार साल से कम उम्र के बच्चों और 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की संख्या 10 गुना अधिक थी।
12 साल से अधिक उम्र वालों को भी टीका
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि टीकाकरण से वंचित हुए बच्चों की अस्पताल में भर्ती होने की दर 10 गुना अधिक थी. अमेरिका में 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों का टीकाकरण हो रहा है. इस रिपोर्ट पर रोचेस्टर मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी में बाल रोग की प्रोफेसर और संक्रामक रोगों पर कमेटी की सदस्य डॉ. मैरी कैसर्टा ने बताया कि यह उन बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण रिपोर्ट है, जोकि टीकाकरण के लिए योग्य हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, ”अभी खुद को बचाने का कोई और तरीका नहीं है सिवाय टीकाकरण और मास्क पहनने, हैंड सैनिटाइज करने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के.” कैसर्टा ने कहा, “हम सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है कि हम अपनी और अपने समुदाय की सुरक्षा के लिए उपलब्ध सभी उपकरणों का इस्तेमाल करें.”