
ॐ श्री राम चालीसा ॐ श्री रघुवीर भक्त हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।। निशिदिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम भक्त और नहिं होई ।। ध्यान धरे शिवजी मन माहीं । ब्रहृ इन्द्र पार नहिं पाहीं ।। दूत तुम्हार वीर हनुमाना । जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना ।। तब भुज दण्ड…