ganjbasoda.net: आकाशीय बिजली में 1 करोड़ वॉल्ट से लेकर 10 अरब वॉल्ट तक का करेंट होता है…तापमान 30000 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है जो सूर्य से 6 गुना ज्यादा है.
क्यों गिरती है बिजली- वारीश के दौरान तेज हवाओं पानी की बूंदों और वातावरण में आवेशित कणो की मौजूदगी के कारण बादलो में आवेश का संतुलन बिगड़ जाता है. ऋणात्मक आवेश धरती की की ओर वाली सतह एवं धनात्मक आवेश वादल के ऊपरी सतह पर चले जाते है. बादलो की निचली आवेशित सतह धरती की सतह पर धन आवेश प्रेरित करती है जिससे दोनों सतह पर एक जोरदार विद्युतीय आकर्षण उत्तपन होता है. यहा आवेश इतना तेज होता है की वादल से ऋण आवेश वहुत ज्यादा मात्र में धरती की ओर वहुत तेजी से आते हैं. वादलों और धरती के बीच इस आवेश को ही बिजली गिरना कहते हैं. यह अपने रास्ते मे आने वाली हर चीज को जला देती है. इसलिए आप सभी लोग बिजली से बचकर रहे एवं बिजली गिरते समय अपने घर के अंदर ही रहे अगर बाहर जाना हो तो विद्युत की सुचालक वस्तुओ से एवं पेड़ो से दूर रहें.